19 जुलाई 2023 को सियाचिन ग्लेशियर की वह भयानक रात
सियाचिन ग्लेशियर की वह भयानक रात 19 जुलाई 2023 को भारतीय सेना के कई टेंटों में अचानक आग पकड़ ली। कैप्टन अंशुमान सिंह की ड्यूटी वही थी। आग फैलते देख सो रहे साथियों को बचाने के लिए कैप्टन ने जान की बाजी लगा दी थी। इस हादसे में कैप्टन बलिदान हो गए। 2023 तारीख 20 जुलाई दिन बृहस्पतिवार की सुबह सेना की मेडिकल कोर और कमांड अस्पताल के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी अंशुमान सिंह के लखनऊ स्थित घर पहुंचे। उन्होंने पिता रवि प्रताप सिंह को कैप्टन अंशुमान सिंह के शहीद होने की खबर दी। शहादत की खबर मिलते ही उनके परिचित और रिश्तेदारों का घर पहुंचना शुरू हो गया। बेहाल मां मंजू सिंह का रो रोकर बुरा हाल हो गया।अंशुमान सिंह की पत्नी इंजीनियर सृष्टि सिंह पठानकोट की रहने वाली हैं। वह नोएडा में रहकर एक मल्टी नेशनल कंपनी में काम करती हैं। अंशुमान के लखनऊ वाले घर में उनके पिता रवि प्रताप सिंह, मां मंजू सिंह, बहन तान्या सिंह और भाई घनश्याम सिंह रहते हैं। देवरिया जिले के लार थाना क्षेत्र के बरडीहा दलपत में उनके दादा और चाचा रहते हैं।
AFMC किये थे क्वालीफाई, पत्नी हैं इंजीनियर
पढ़ाई के बाद अंशुमान का चयन आर्मड फोर्स मेडिकल कॉलेज पुणे में हो गया। वहां से MBBS करने के बाद कैप्टन अंशुमान सिंह सेना की मेडिकल कोर में शामिल हुए। पत्नी स्मृति पेशे से इंजीनियर हैं और उनके माता-पिता स्कूल के प्रधानाचार्य हैं। आगरा मिलिट्री हॉस्पिटल में ट्रेनिंग के बाद वहीं अंशुमान की तैनाती हो गई थी।पिछले दिनों कश्मीर के पुंछ सेक्टर में तैनात एक बटालियन के वह मेडिकल आफिसर बने। वहां से 15 दिन पहले ही सियाचिन गए थे। उनके पिता रवि प्रताप सिंह सेना में JCO थे। कैप्टन अंशुमान सिंह की मां मंजू सिंह के अलावा भाई घनश्याम सिंह और बहन तान्या सिंह हैं। दोनों ही नोएडा में डॉक्टर हैं।