एआई-सक्षम निगरानी
मेले के विशाल क्षेत्र की निगरानी के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सक्षम सीसीटीवी कैमरों का उपयोग किया जाएगा। इसके साथ ही, ड्रोन, एंटी-ड्रोन सिस्टम और पानी के भीतर ड्रोन की भी तैनाती की जाएगी, जो 24 घंटे निगरानी सुनिश्चित करेंगे।
जल सुरक्षा
स्नानार्थियों की सुरक्षा के लिए 220 हाईटेक डीप ड्राइवर्स को तैनात किया जाएगा, जो 700 नावों के माध्यम से 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहेंगे। इसके अलावा, गोवा, कोलकाता, महाराष्ट्र समेत देश के विभिन्न हिस्सों से जल पुलिस के जवान भी प्रयागराज में तैनात किए जाएंगे।
साइबर सुरक्षा
डिजिटल महाकुंभ के दृष्टिगत, साइबर सुरक्षा के लिए एक मजबूत टीम का गठन किया गया है, जो किसी भी साइबर हमले या अफवाहों पर नजर रखेगी और आवश्यक कार्रवाई करेगी। सीमा सुरक्षा
महाकुंभ के मद्देनजर भारत-नेपाल सीमा पर भी अलर्ट जारी किया गया है। दोनों देशों के अधिकारियों ने बैठक कर वॉच टावर और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी बढ़ाने का निर्णय लिया है, ताकि किसी भी अवांछित गतिविधि को रोका जा सके।
खालिस्तानी धमकी पर सतर्कता
महाकुंभ को लेकर खालिस्तानी संगठनों द्वारा दी गई धमकियों को गंभीरता से लेते हुए, उत्तर प्रदेश पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि सुरक्षा की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और किसी भी प्रकार की धमकी से निपटने के लिए पुलिस बल तैयार है। गौरतलब है कि कल पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच हुई झड़प के बाद सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया गया है, ताकि आगामी मौनी अमावस्या स्नान के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
सरकार की इन व्यापक तैयारियों का उद्देश्य महाकुंभ 2025 को सुरक्षित, सफल और यादगार बनाना है, जिससे देश-विदेश से आने वाले करोड़ों श्रद्धालु निर्विघ्न अपने धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कर सकें।