उन्होंने कहा कि पंडित नवलकिशोर शर्मा, राजेश पायलट आदि के जमाने में सभी दावेदार व पार्टी मिलकर एक लाइन का प्रस्ताव आलाकमान को भेज देती थी कि सांसद जो तय करेंगे, वह फाइनल होगा। इस तरह का प्रस्ताव अब भी जाता तो उन्हें खुशी होती, लेकिन सभी लोग अलग-अलग दावा कर सांसद को कमजोर कर रहो हो।
उन्होंने कहा कि अगर सांसद के नाम का प्रस्ताव चला जाता तो शायद यहां पर्यवेक्षक भी रायशुमारी के लिए नहीं आते। अब आलाकमान के पास यह संदेश है कि यहां सर्वमान्य कोई नहीं है। ऐसे में टिकट वे (मुरारी) फाइनल नहीं सकते हैं।
मुरारी ने कहा कि 3 से 5 नाम का पैनल जाएगा, उनकी राय भी ली जाएगी। साथ ही बताया कि वे कई बार कह चुके हैं उनके घर से कोई चुनाव नहीं लड़ेगा, फिर भी लोग अफवाह फैलाए जा रहे हैं। सांसद ने कार्यकर्ताओं से दो टूक शब्दों में कहा कि एक रहोगो तो जीत मिलेगी, अन्यथा हार जाओगे। दौसा से भाजपा ने जगमोहन मीना को चुनाव मैदान में उतारा है।