धर्मशाला व मंगल भवन से नहीं मिल रहा किराया
लॉक डाउन के चलते मंदिर के दो धर्मशाला और एक मंगल भवन का उपयोग आम जन नहीं कर रहे हैं। इन तीनों भवनों में आम दिनों में औसतन 20 से 30 हजार रूपए तक का किराया मिलता रहा है। लेकिन लॉक डाउन की वजह से न तो कोई निजी या सार्वजनिक आयोजन हो रहे हैं और न ही धर्मशालाओं में कोई मुसाफिर ठहर रहे हैं। इन धर्मशालाओं में कुल 8 कर्मचारी कार्यरत हैं। जिनमें चौकीदारों को 5000 और मैनेजर को 6000 रूपए मासिक के हिसाब से कुल 36000 रूपए हर महीने भुगतान करना होता है।
उधार में निपटा फागुन मेला
दंतेश्वरी मंदिर परिसर में आयोजित होने वाले वार्षिक फागुन मेले के लिए धर्मस्व विभाग और पर्यटन मंडल की तरफ से कोई अनुदान या सहायता राशि अब तक नहीं मिली। जिसकी वजह से मंदिर की अपनी जमा पूंजी से करीब 14 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है और अभी भी करीब 12 लाख रूपए बकाया हैं।
दानपेटियों से आमदनी का स्रोत घटा
शक्तिपीठ दंतेश्वरी मंदिर के पट चैत्र नवरात्रि के पहले 22 मार्च से ही लगातार बंद हैं। जिसकी वजह से नवरात्रि पर दान पेटियों में आने वाली दान राशि भी इकट्?ठा नहीं हो सकी। हर तिमाही में दान पेटी खोलने पर औसतन 12 से 16 लाख रूपए की दान राशि निकलती है। जिससे मंदिर के खर्च की भरपाई होती है। लेकिन इस बार लॉक डाउन ने मंदिर की आमदनी का यह जरिया भी बंद कर दिया है।
अन्य स्रोत व मद से मानदेय का भुगतान किया जा रहा
तहसीलदार व टेंपल कमेटी व्यवस्थापक बनसिंह नेताम का कहना है कि मंदिर में अन्य कोई ज्यादा खर्च नहीं है। लेकिन फागुन मेला व नवरात्रि पर ही बड़ी राशि खर्च होती है। फिलहाल मंदिर के अन्य स्रोत व मद से मानदेय का भुगतान किया जा रहा है। फरवरी मार्च में आयोजित हुए फागुन मेले के लिए राशि देने को लेकर धर्मस्व व पर्यटन विभाग को लिखा जा चुका है। लेकिन रािश जारी नहीं हुई है।