जर्जर कक्षों में झड़ते प्लास्टर के बीच बच्चों को पढ़ाने मजबूर शिक्षक, हर तरफ खतरा
काईखेड़ा. हटा ब्लाक अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत काईखेड़ा के आश्रित गांव देवलाई माध्यमिक विद्यालय का है। यह भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है, यहां पढऩे वाले विद्यार्थियों की जान पर हर समय खतरा बना आता रहता है। स्कूल की प्लास्टिक नीचे गिर रही है, उसी छत के नीचे विद्यार्थी पढऩे को मजबूर हैं।
कई बार शिकायत करने के बावजूद भी बिल्डिंग की मरम्मत नहीं हो पाई। विकासखंड से लेकर जिला शिक्षा अधिकारी, डीपीसी से भी इसकी शिकायत की जा चुकी है और मरम्मत के लिए जनसुनवाई कार्यालय में भी स्कूल मरम्मत की मांग की जा चुकी है, लेकिन 3 वर्ष बीतने के बाद भी मरम्मत नहीं हो सकी हैं। ऐसे में जर्जर भवन में विद्यार्थी पढऩे तो शिक्षक पढ़ाने मजबूर हैं।
बता दें कि स्कूल वर्ष 2005 की बाढ़ में धंस गया था। प्राथमिक विद्यालय तब से अब तक मरम्मत नहीं हुई है। इसके लिए भी अनेक बार पत्राचार किया गया, लेकिन कोई सुधार कार्य नहीं हुआ। एकीकृत माध्यमिक विद्यालय में दोनों स्कूल के विद्यार्थियों को एक साथ बैठाया जा रहा है। माध्यमिक विद्यालय भवन भी जर्जर हो गया और गिरने की कगार पर आ गया है। 3 वर्ष से इस भवन मरम्मत की शिकवा शिकायतें की जा रही हैं।
स्कूल प्राचार्य ने बताया कि 64 छात्र- छात्राएं इस स्कूल में अध्ययनरत है और पिछले 3 वर्षों से संख्या भी कम हो रही है। विद्यार्थियों के अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजते है। कारण भवन जर्जर है और गिरने का खतरा रहता है।
एकीकृत माध्यमिक विद्यालय हेड मास्टर ने बताया कि विद्यालय में तीन कमरे शेष बचे हैं, जिसमें थोड़ी बहुत बैठने की व्यवस्था बना लेते हैं। उसी में छात्र भी बैठते हैं, लेकिन वह भी अब जर्जर होने लगे हैं। छत से प्लास्टर नीचे गिरता रहता है। बारिश होने पर बच्चों को एक साथ सुरक्षित जगह पर खड़ा करना पड़ता है, पूरा लीकेज पानी से हो जाता हैं। इस संबंध में कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर का कहना है दिखवा लेते हैं।
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