इस तरह खुली मामले की परतें
आरोपी का कुछ पता न चलने पर न्यायिक जांच समिति बनाई गई और उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया। अब तक की जांच में सामने आया कि यूपी का एक व्यक्ति, जिसकी पत्नी का नाम सोनी विश्वकर्मा है, पर्वत आदिवासी के नाम पर आईटीबीपी में नौकरी कर रहा था। उसने लोन दिलाने के बहाने पर्वत से उसकी मार्कशीट और आधार कार्ड लिए थे। इन्हीं दस्तावेजों के सहारे आरोपी लगभग 7 वर्षों तक आईटीबीपी में नौकरी करता रहा।पीड़ित बोला आरोपी ने लोन दिलाने दस्तावेज लिए थे
पीड़ित पर्वत आदिवासी का कहना है कि वह पांचवीं तक पढ़ा है और मजदूरी करता है। उसके परिवार में किसी की भी सरकारी नौकरी नहीं है। पर्वत ने बताया कि वह तीन भाई-बहनों में तीसरे नंबर का है और बड़ी बहन मथुरा में रहती है, जहां उसका आना-जाना होता था। मथुरा में उसकी पहचान गोविंद जाट से हुई। जिसने लोन दिलाने के नाम पर उससे मार्कशीट और आधार कार्ड लिए थे। दो माह बाद गोविंद ने एसबीआई बैंक का एक चेक दिया था और लोन पास होने की बात कही, लेकिन वह चेक फर्जी निकला।