किसानी का संकट: सोयाबीन की बोवनी लक्ष्य से कम, अब उत्पादन आधा हुआ
किसी ने बखर दिए खेत तो किसी को मिली आधी उपज
Soybean sowing less than target, now production is halved
दमोह. मौसम की बेरुखी से सोयाबीन ने इस साल फिर किसानों को झटका दे दिया। असमान बारिश के चलते पहले ही बोवनी लक्ष्य से आधी से भी कम हुई थी। जो बोया था, उसके उत्पादन पर बहुत ज्यादा असर हुआ है। औसतन किसान एक एकड़ में आठ क्ंिवटल सोयाबीन का उत्पादन कर रहे थे इस बार घटकर आधा रह गया है। कुछ जगहों पर एक चौथाई ही हाथ आया।
दरअसल, सोयाबीन के दगा देने का सिलसिला सहकारी समितियों से मिलने वाले बीज के साथ ही शुरू हो गया था। इस साल शासन स्तर पर सोयाबीन का बीज वितरण नहीं किया गया, किसानों ने मार्केट से 10 हजार रुपए प्रति क्विंटल बीज खरीदकर बोवनी की। बोवनी के बाद 15 दिन के सूखे ने नुकसान किया। इस कारण से एक एकड़ में जो सोयाबीन 8 बोरा निकलता था, वह अब थे्रसिंग होने के बाद 2 से 4 बोरा तक सिमटकर रह गया है। इसके अलावा दाना पुष्ट न होने के कारण क्वालिटी में गिरावट होने के कारण दाम मिलने पर संशय है।
लागत भी नहीं निकलेगी इस बार
सेमरा गांव के किसान भूषण पटेल कहते हैं कि उन्होंने सोमवार को ही थे्रसिंग कराई है। इस बार लागत भी नहीं निकलेगी। 10 हजार रुपए प्रति क्विंटल बीज, बोवनी व बखरनी में डीजल खर्च, दवाओं का खर्च, मजदूरी व थे्रसिंग मिलाकर जो लागत लगाई है वह भी डूबती दिख रही है। यदि सोयाबीन पूरी क्षमता से एक एकड़ में 8 क्विंटल के साथ ही पुष्ट दाना होता तो वह मंडी में महंगे दामों में बिकता लेकिन सोमवार को पथरिया मंडी में 5 हजार रुपए क्विंटल अच्छे सोयाबीन के मिले हैं।
खरीफ सीजन में बन गए कर्जदार
भारतीय किसान संघ के राम मिलन पटेल बताते हैं कि इस बार किसानों ने बैंक से कर्ज उठाया, लेकिन सोयाबीन की फसल दगा दे गई, जिससे किसानों को आगामी रबी सीजन के साथ अपनी आवश्यकताओं के लिए महाजनी कर्ज उठाना पड़ रहा है। उन्हें ऐसे 50 से अधिक किसानों की जानकारी है, जिन्होंने खरीफ सीजन में बैंक से कर्ज लिया था, अब सोयाबीन की फसल 25 से 50 प्रतिशत के बीच रह गई है तो फिर खेती व अन्य कार्यों के लिए महाजनों के दरवाजे पर खड़े हो रहे हैं।
30 प्रतिशत किसानों बखरी फसल
सोयाबीन की फसल सबसे ज्यादा पथरिया ब्लॉक के किसान बोते हैं। इस बार बोवनी के बाद और बाढ़ के बाद पानी नहीं गिरा तो कई किसानों की फसलों पर फूल नहीं आने पर उन्होंने अपनी फसल बखर दी थी। 70 फीसदी किसानों को ही आधी अधूरी फसल हाथ आई है।
लक्ष्य से 44 फीसदी हुई थी बोवनी
दमोह जिले में इस बार सोयाबीन का लक्ष्य कृषि विभाग द्वारा 1 लाख 25 हजार हेक्टेयर में बोवनी का निर्धारित किया था। जिसमें से महज 55 हजार हेक्टेयर में ही बोवनी हुई थी। महज 44 फीसदी बोवनी जिले में लक्ष्य के आधार पर हुई थी। जिसमें से महज 22 फीसदी ही सोयाबीन का उत्पादन हो पाया है किसानों को आधा घाटा हुआ है।
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