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दमोह

नाकाफी साबित हो रहीं महिला सुरक्षा को बनी योजनाएं

जिले में महिला सशक्तिकरण विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग की उदासीनता के कारण महिला सुरक्षा को लेकर चल रही योजनाएं कागजों तक सीमित होकर रह गई हैं।

दमोहOct 17, 2024 / 06:53 pm

pushpendra tiwari

दमोह. जिले में महिला सशक्तिकरण विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग की उदासीनता के कारण महिला सुरक्षा को लेकर चल रही योजनाएं कागजों तक सीमित होकर रह गई हैं। जिले में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में लगातार वृद्धि हो रही है। जबकि इनकी रोकथाम के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
हर महीने महिलाओं के खिलाफ दुष्कर्म, छेड़छाड़, घरेलू हिंसा, दहेज प्रताडऩा और मारपीट जैसे जघन्य अपराधों के मामले सामने आ रहे हैं। पीडि़त महिलाओं को न्याय दिलाने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए शासन द्वारा जो योजनाएं चलाई जा रही है, उनका लाभ बेहद मुश्किल होता जा रह है। एक तरफ महिला सशक्तिकरण और महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण सहित अन्य योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन नहीं हो रहा है। इन योजनाओं का उद्देश्य महिलाओं और बालिकाओं को सुरक्षा और सहायता प्रदान करना है, लेकिन जमीनी स्तर पर इनका प्रभाव नगण्य है।
वहीं दूसरी तरफ महिलाओं की सुरक्षा के लिए पुलिस और प्रशासन की सक्रियता पर भी सवाल उठ रहे हैं। क्योंकि कई बार पीडि़ताओं की थानों में तत्काल सुनवाई नहीं होती है। इससे उन्हें काफी परेशान होना पड़ता है। मामले में विशेषज्ञों का कहना है कि महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों की रोकथाम के लिए कानून का सख्ती से पालन और जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है।
वे योजनाएं, जिनका पीडि़ताओं को लाभ मुश्किल

प्रदेश में मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना और वन स्टॉप सेंटर ये दो ऐसी योजनाएं हैं, जो महिला सशक्तिकरण के लिहाज से महत्वपूर्ण योजनाएं हैं। इनके तहत पीडि़त महिलाओं को आर्थिक व सामाजिक सहायता के साथ चिकित्साए कानूनी और परामर्श सेवाएं प्रदान की जाती हैं। हालांकि जिले में इन योजनाओं का सही से क्रियांवयन न होने से कई बार पीडि़ताओं को आवश्यक सहायता नहीं मिल पा रही है।
इधर, पुलिस विभाग ने आंकड़े छुपाए, साल भर से जारी नहीं किए

मध्यप्रदेश पुलिस जिलेवार हर महीने महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों के आंकड़े अपनी वेबसाइट पर जारी करती है। जिसमें दुष्कर्म, छेड़छाड़, हत्या, अपहरण, मारपीट और दहेज प्रताडऩा के आंकड़े शामिल होतै हैं। हालांकि इस साल जनवरी से ये आंकड़े जारी नहीं किए गए हैं। इसके पीछे की वजह स्पष्ट नहीं है।
हाल ही में महिलाओं के साथ हुईं घटनाएं

केस 1-
21 सितंबर को पटेरा थानांतर्गत पटपरा नाले के पास एक महिला का अधजला शव मिला। 20 दिन बाद भी न शव पहचान हुई न आरोपी पकड़े गए।
केस 2
बीते दिनों गैसाबाद के उदयपुरा में लाड़लीबाई 70 के साथ देवर ने मारपीट की। जिसमें वृद्धा बुरी तरह घायल हुई थी।

केस 3
सितंबर में तारादेही थानांतर्गत नाबालिग छात्राओं के साथ एक युवक ने छेड़छाड़ की थी। जिसके बाद उसके खिलाफ मामला दर्ज हुआ था।
केस 4
अगस्त में सिटी कोतवाली अंतर्गत एक युवक ने युवती से छेड़छाड़ कर रहा था। युवती की मामी ने विरोध किया, तो आरोपी ने मामी को चाकू मारकर घायल किया था।

वर्जन
महिलाओं के विरूद्ध होने वाले अपराध में पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई की जा रही है। महिला पुलिस थाना में पीडि़ताओं की सुनवाई तुरंत करने के निर्देश हैं।
संदीप मिश्रा, एएसपी

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