पत्रिका ने रविवार को सुबह से ही प्लेटफार्म नंबर २ पर पहुंचकर स्थिति देखी। इस दौरान कटनी एंड की तरफ प्लेटफार्म पर काफी निर्माण सामग्री पड़ी हुई देखी गई। जबकि करीब ५० मीटर का प्लेटफार्म उखड़ा देखा गया। जहां से यात्रियों को ट्रेन पर चढऩा-उतरना होता है, वहीं पर गड्ढा होने की वजह से यात्रियों को सवार होने में परेशानी होती देखी गई। ऐसी स्थिति में यहां लोग गिरते संभलते चढ़ते-उतरते नजर आए। यात्रियों के यहां लगेज भी गंदे हो रहे है। साथ ही यहां कुछ यात्री गिर भी रहे हैं।
पत्रिका ने स्टेशन पर मौजूद जिम्मेदार रेलवे अधिकारियों से निर्माण में हो रही लापरवाही और लेट लतीफी को लेकर चर्चा करना चाही, तो सभी यह कहते हुए किनारा कर गए कि वह इसके लिए अधिकृत नहीं है, लेकिन दबी जुवां से कहते नजर आए कि वह भी अब परेशान हो गए हैं। स्टेशन पर करीब एक साल से काम चल रहा है, लेकिन अब भी प्लेटफार्म की ऊंचाई तक के एक एंड के काम अंधूरे पड़े हुए हैं। यहां पर प्लेटफार्म को शेड से कवर करने काम भी अभी नहीं हो सका है। इसके अलावा अन्य काम भी अंधूरे ही हैं। हालांकि, रेलवे प्रशासन ५० प्रतिशत काम होने का दावा करता है।
दमोह रेलवे स्टेशन पर पहले एसी वेटिंग हॉल था, लेकिन निर्माण कंपनी के ठेकेदार ने तोड़ दिया था। इसके बाद सबसे पहले उसे एसी हॉल तैयार करके देना था, जो साल भर पहले शुरू भी हो गया था, लेकिन बीच-बीच में काम बंद रहने के कारण यह काम अब भी अटका हुआ है। ऐसी स्थिति में स्टेशन पर आने वाले यात्रियों को एसी वेटिंग हॉल की सुविधा नहीं मिलने से वह प्लेटफार्म पर ही बैठे नजर आते हैं।
निर्माण कार्य यदि धीमी गति से चल रहा है, तो इस संबंधी में तत्काल संबंधित अधिकारी को रिपोर्ट करता हूं। स्टेशन पर लापरवाही नहीं होना चाहिए।
हर्षित श्रीवास्तव, सीपीआरओ पमरे