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दमोह जिला कोर्ट में लंबित मामले 11 हजार से अधिक

वीडियो कॉन्फ्रेसिंग की सुनवाई में उम्रदराज अधिवक्ता नहीं हो पा रहे फिट

दमोहJun 08, 2020 / 09:06 pm

Rajesh Kumar Pandey

Damoh District Court has more than 11 thousand cases pending

Damoh District Court has more than 11 thousand cases pending

दमोह. लॉक डाउन के बाद से जिला व सत्र न्यायालय बंद था। पिछले दिनों से न्यायालय में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से दो पालियों में सुनवाई हो रही है, लेकिन तकनीकी आधार पर सुनवाई में उम्र दराज अधिवक्ता फिट नहीं बैठ पा रहे हैं।
क्रिमिनल मामलों में जिला न्यायालय में अर्जेंट मामलों को सुना जा रहा है। हत्या, हत्या के प्रयास सहित अन्य मामले जो गंभीर प्रकृति के मामले माने जाते हैं। इन प्रकरणों के निर्णय पारित किए जाने भी एक डेड लाइन निश्चित होती है। सभी की सुनवाई बाधित हो चुकी है।
वीडियो कॉन्फ्रेसिंग सुनवाई में जिला न्यायालय में रूटीन प्रैक्टिस करने वाले उम्रदराज अधिवक्ता जो स्मार्ट फोन या कम्प्यूटर में दक्ष नहीं हैं। उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के दौरान खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिससे भी मामले लंबित हो रहे हैं। वहीं पक्षकारों के न्यायालय में प्रवेश निषेध के चलते वे रोजाना की पेशियों के न होने के चलते आर्थिक समस्या भी अब विधि व्यवसाइयों के सामने खड़ी होने लगी है।
सिविल मामलों में सबसे ज्यादा मामले स्टे संबंधी हैं, जिनमें भी पक्षकारों का न्यायालयों में प्रवेश निषेध होने के कारण इनका भी निपटारा नहीं हो पा रहा है।
उपभोक्ता फोरम दमोह में मोटे तौर पर वर्तमान में करीब 400 प्रकरण विचाराधीन हैं, जिनमें से कई मामले की अंतिम सुनवाई तक के मामले शामिल हैं। 22 मार्च से आज दिनांक तक एक भी मामले की सुनवाई संभव नहीं हो सकी है। इसका मुख्य कारण लॉक डाउन व वीडियो कॉन्फ्रेसिंग की सुविधा का अभाव है। साथ ही फोरम के सदस्यों के कार्यकाल की समाप्ति व नवीन नियुक्ति न होना भी है। इसके अतिरिक्त मार्च के पूर्व ही फोरम अध्यक्ष सागर दमोह पन्ना की जॉइंट फोरम में सुनवाई करते थे, जिससे दमोह फोरम में अध्यक्ष मात्र सोमवार को ही उपस्थित हो पाते थे। इससे भी फोरम के मामलों की सुनवाई पर विपरीत प्रभाव पड़ा है।
वहीं फैमली कोर्ट की बात करें तो तकरीबन 900 मामले फैमिली कोर्ट दमोह में विचाराधीन हैं। जिनमें से करीब 500 मामले मासिक भरण पोषण महिलाओं को उपलब्ध कराने के हैं। लॉक डाउन के चलते पिछले तीन महीने से ऐसी महिलाओं को अपने पति से भरण पोषण भत्ता प्राप्त नहीं हो सका है। वहीं फैमिली कोर्ट के विषय मे उच्च न्यायालय के कोई स्पस्ट दिशा निर्देश न होने के चलते पिछले तीन माह में एक भी मामले की सुनवाई विडियो कॉन्फ्रेंस से भी नहीं हो सकी है।
13 जून तक नियमित सुनवाई आंशिक रोक
उच्च न्यायालय जबलपुर सर्कुलर 1214 जारी कर निचली अदालतों को पूर्वानुसार वीडियो कॉन्फं्रेसिंग के माध्यम से 13 जून तक सुनवाई करने निर्देशित किया है। इस अवधि में खुले न्यायालय में सुनवाई पूर्णत: निषिद्ध रहेगी। जिला न्यायालय में न्यूनतम कर्मचारियों के साथ केवल अत्यावश्यक मामलों में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से 8 जून से 13 जून तक कार्य करेंगें फिलहाल सत्र न्यायालय सुबह 10.30 से दोपहर 2 बजे तक व प्रथम श्रेणी व द्वितीय श्रेणी न्यायालय दोपहर 2 से 5 तक कार्य कर रहे हैं।

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