नई दिल्ली। भारतीय बैंकों से 9000 करोड़ का कर्ज लेकर विदेश भाग गए किं गफिशर के मालिक विजय माल्या शनिवार को ईडी के सामने पेश नहीं होंगे। पीटीआई की खबर के मुताबिक, माल्या ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कहा है कि वह मुंबई में 2 अप्रैल को पेशी नहीं हो सकते। माल्या ने पेशी के लिए मई तक का विस्तार मांगा है।
माल्या ने ईडी से महीने भर का समय और मांगा है और कहा है कि वो मई में ही भारत आ पाएंगे। इससे पहले विजय माल्या को ईडी ने शुक्रवार को दूसरा समन जारी किया है। माल्या की कल ईडी के सामने पेशी होनी थी, लेकिन वे भारत आने के मूड में नहीं हैं। अगर विजय माल्या कल ईडी के सामने पेश नहीं होते हैं तो उनके खिलाफ तीसरा समन भी जारी किया जा सकता है। तीसरे समन का जवाब न देने पर माल्या के खिलाफ वारंट संभव है।
अधिकारियों के अनुसार ईडी के मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय में मामले की जांच कर रहे अधिकारी को माल्या ने सूचित किया है कि वह निर्धारित दो अप्रैल की तारीख को पेश होने में असमर्थ हैं और उन्हें मई में कोई नई तिथि दी जाए। ऐसा समझा जाता है कि माल्या ने जांच अधिकारी को सूचित किया है कि बैंक कर्ज से संबंधित मामला फिलहाल उच्चतम न्यायालय में है और वह इस कर्ज को अपने कानूनी तथा कारपोरेट टीम की मदद से निपटान की कोशिश कर रहे हैं और इसीलिए उन्हें कुछ और समय चाहिए।
ईडी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, माल्या को अब तीसरा समन भेजा जाएगा। एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि माल्या को अगले 36 घंटों में नई तारीख के साथ तीसरा समन भेजा जाएगा। हम सभी उपलब्ध विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। यह तीसरा समन या हमारा अगला एक्शन प्लान हो सकता है। उन्होंने आगे कहा कि माल्या ने बैकों को 4000 रुपये लौटाने का प्रस्ताव दिया है। मामला सुप्रीम कोर्ट में है, लिहाजा उनके खिलाफ तत्काल या अगले हफ्ते तक कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती। लेकिन ईडी शनिवार को सभी विकल्पों पर गौर करेगी।
जांच एजेंसी पीएमएलए (मनी लांड्रिंग निरोधक कानून) मामले की गंभीरता को देखते हुए उनके अनुरोध को स्वीकार करने को लेकर गंभीर नहीं है। अधिकारियों के अनुसार जांच अधिकारी ने अब तक माल्या को अपने निर्णय के बारे में नहीं बताया है।
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