पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट के न्यायाधीश कुलदीप सिंह द्वारा राज्य को राम रहीम सिंह की पत्नी हरजीत कौर की याचिका पर फैसला लेने का निर्देश दिए जाने के बाद जेल अधीक्षक सुनील सांगवान ने पैरोल न देने का फैसला किया।
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हरजीत कौर ने राम रहीम सिंह की मां नसीब कौर (85) को दिल संबंधी बीमारी का जिक्र करते हुए पैरोल की याचिका दाखिल की थी। हरजीत कौर ने कहा था कि वह (नसीब कौर) अपने बेटे की गैर मौजूदगी में इलाज नहीं करा रही हैं।
राम रहीम (51) वर्तमान में उच्च सुरक्षा वाली रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। यह राजधानी चंडीगढ़ से 250 किमी दूर है। अधिकारियों ने कहा कि उसकी पैरोल दो आधार पर अस्वीकार की गई।
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पहला यह कि पैरोल पर उसे रिहा किए जाने के समय और बाद में उसके समर्पण के समय राज्य में कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है। दूसरा, राम रहीम की मां की जांच कर चुके चिकित्सकों की एक टीम की रिपोर्ट में कहा गया है कि वह दिल की बीमारी से जूझ रही हैं, लेकिन उनकी स्थिति गंभीर नहीं है।
डेरा प्रमुख की पत्नी हरजीत कौर ने पांच अगस्त को उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल कर कहा था कि मेरी सास चाहती हैं कि इलाज के दौरान उनका बेटा मौजूद रहे। हाई कोर्ट ने जेल प्रशासन को पांच दिनों के भीतर राम रहीम के पैरोल पर फैसला लेने को कहा था।