दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक, शवों की संख्या इतनी ज्यादा होने के कारण दो मेडिकल बोर्ड बनाए गए हैं। पांच शवों का पोस्टमार्टम रातभर हुआ। बाकी शवों का सोमवार सुबह से 10 बजे से शुरू हुआ। दिल्ली में इतने लोगों की मौत एक साथ होने की वारदात पहली बार सामने आई है। इस वारदात ने राजधानी समेत पूरे देश को हिला कर रख दिया है। घर से मिले सबूतों में मौत की डायरी ने भी कई तरह के राज उगले हैं। ये राज मोक्ष प्राप्ती के राज हैं. जिसमें परिवार ने मोक्ष के लिए मौत को गले लगा लिया है।
फिलहाल 11 शवों में से 6 की रिपोर्ट सामने आई है, लेकिन जल्द ही बाकी लोगों की भी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आएगी। कयास लगाए जा रहे हैं इस रिपोर्ट के आने के बाद इस केस में और भी कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं। फिलहाल बुराड़ी मामले में एक साथ 11लोगों की मौत के मामले में पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर आगे की जांच अपराध शाखा को सौंप दी है। अतिरिक्त जिला पुलिस उपायुक्त विनित कुमार ने बताया कि शुरुआती जांच और सीनियर पुलिस अधिकारियों से विचार विमर्श करने के बाद हत्या का मामला दर्ज करने का फैसला किया गया। जांच को और प्रोफेशनल तरीके से करने के लिए उसे क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई।
शुरुआती जांच में ऐसा लग रहा है कि बुजुर्ग महिला की हत्या करने बाद बाकी लोगों ने फांसी लगाई। बाकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद सभी की मौत के सही कारणों का पता चल जाएगा। पुलिस की मानें तो घर से जो डायरी मिली है उसमें अलौकिक शक्तियां, मोक्ष के लिए मौत ही एक द्वार और आत्मा का अध्यात्म से रिश्ता जैसी अजीबो गरीब बातें लिखी हुई हैं। जांच टीम ने जब इन पन्नों को पलटा तो उसमें लिखा हुआ हर शब्द पढ़ पैरों के नीचे से जमीन खिसकने लगी। आइए जानते हैं मौत की इस डायरी में आखिर ऐसा क्या लिखा है जिसने सभी हिला कर रख दिया है…
26 को लिखी गई मौत की स्क्रिप्ट
मौत की डायरी में आखिरी बार 26 जून को लिखा गया था, जिसमें इस बात का जिक्र था कि अगर हमें 30 जून को परमात्मा से मिलना है तो हम सब हाथ पांव, मुंह पूरी तरह बांधेंगे ताकि किसी की सुन न सकें।
मोक्ष के लिए त्यागना होगा जीवन
रजिस्टर की सबसे बड़ी बात जो सामने आई है वो है मोक्ष…इस रजिस्टर में लिखा हुआ है कि मोक्ष प्राप्त करना है तो जीवन को त्यागना होगा।
मौत को गले लगाना होगा
आगे लिखा है जीवन को त्यागने के लिए मौत को गले लगाना होगा। मौत को गले लगाने में कष्ट होगा। लेकिन इस कष्ट को स्वीकारना होगा।