बेटे को सिखा रहे थे क्रिकेट
2020 में जब पूरा देश लॉकडाउन की वजह से बंद था, तब कमलिनी के पिता गुनालन अपने बेटे के साथ घर के बाहर क्रिकेट खेला करते थे। एक दिन उन्होंने अपनी 12 साल की बेटी कमलिनी को गेंद डालने को कहा। कमलिनी ने जब गेंदबाजी की तो उनके पिता हैरान रह गए। कमलिनी स्केटिंग का नियमित अभ्यास करती थीं, लेकिन उन्होंने क्रिकेट कभी नहीं खेला था। पिता समझ गए कि कमलिनी नैसर्गिक प्रतिभा की धनी हैं।
क्रिकेट के लिए मुदरै से चेन्नई शिफ्ट हुए
मदुरै में क्रिकेट की ट्रेनिंग की सुविधा नहीं थी तो कमलिनी के लिए उनका परिवार चेन्नई शिफ्ट हो गया। कमलिनी का चयन जल्द ही चेन्नई सुपरकिंग्स की एकेडमी में हो गया और वे अपनी कड़ी मेहनत से कोचिंग स्टाफ को प्रभावित करने में सफल रहीं। जल्द ही उनका चयन तमिलनाडु की अंडर-19 टीम में हो गया था। उन्हें तमिलनाडु की सर्वश्रेष्ठ युवा महिला खिलाड़ी भी चुना गया था।
पिता की सर्जरी के बाद जड़ा शतक
कमलिनी ने बताया कि मेरे पिता मेरी सबसे बड़ी ताकत हैं। एक दौर ऐसा आया जब मुझे लगा कि मैं उन्हें खो दूंगी। लेकिन शुक्र है वह बुरा दौर टल गया। कमलिनी के पिता की हार्ट की सर्जरी हुई थी और उसके अगले ही दिन तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश के बीच मैच था। कमलिनी अपने पिता के साथ समय बिताने के बाद मैच खेलने गईं और शतक जड़ा।
6 महीने में बनी विकेटकीपर
तमिलनाडु की पूर्व क्रिकेटर आरती संकरन बताया कि कमलिनी के पास नेचुरल टैलेंट है। उसने अपनी कड़ी मेहनत से सबकुछ जल्दी ही हासिल कर लिया। वह ट्रेनिंग के छह महीने के भीतर विकेटकीपर बन गई। बहुत सारी लड़कियां एक टाइम के बाद बाहर हो जाती हैं लेकिन मुझे उम्मीद है कि कमलिनी लंबे समय तक टिकी रहेंगी।