ग्रेग चैपल ने हाल ही एक पोडकास्ट कार्यक्रम के दौरान भारतीय क्रिकेट के कोच बनने पर बात की। उन्होंने एक बार फिर विवादों को हवा देते हुए अपने कोचिंग काल के लम्हों को याद किया। इस दौरान उन्होंने एक बार फिर से सौरव गांगुली पर आरोप लगाते हुए कहा कि गांगुली बस कप्तान बने रहकर चीजों को अपने काबू में रखना चाहते थे। साथ ही उन्होंने कहा कि गांगुली बतौर खिलाड़ी अपने क्रिकेट में सुधार नहीं करना चाहते थे। बता दें कि चैपल वर्ष 2005—2007 तक टीम इंडिया के कोच रहे। उन्हें 2007 वर्ल्ड कप को ध्यान में रखकर भारतीय टीम का कोच नियुक्त किया गया था।
पोडकास्ट कार्यक्रम में चैपल ने ने कहा कि वर्ल्ड कप 2007 में टीम इंडिया भले ही फ्लॉप साबित हुई थी और टूर्नामेंट के पहले ही राउंड में वह बाहर हो गई। साथ ही उन्होंने दावा किया कि इसके बावजूद बीसीसीआई ने उन्हें दोबारा टीम इंडिया का कोच बनने का ऑफर दिया था। चैपल का कहना है बतौर कोच भारत में उनके दो साल काफी चुनौतीपूर्ण रहे।
राहुल द्रविड की तारीफ की
चैपल ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि उन्होंने टीम इंडिया का कोच बनना इसलिए स्वीकार किया था क्योंकि सौरव गांगुली ने उनसे आग्रह किया था। वहीं चैपल ने राहुल द्रविड की तारीफ की। बता दें कि सौरव गांगुली के बाद राहुल द्रविड टीम इंडिया के कप्तान बने थे। चैपल ने कहा कि राहुल द्रविड़ ने टीम इंडिया को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम बनाने में काफी मेहनत की थी, लेकिन टीम के बाकी सीनियर खिलाड़ी ऐसा नहीं कर रहे थे। साथ ही उन्होंने कहा कि गांगुली के कप्तान रहते हुए कुछ दिक्कतें थीं। गांगुली मेहनत नहीं करना चाहते थे, बस बतौर कप्तान टीम में बने रहना चाहते थे।