अपने चौथे सीजन में बने कप्तान
श्रेयस अय्यर पहली बार आइपीएल में 2015 में खेलने उतरे थे। पहले ही सीजन में उन्होंने रनों का अंबार लगाकर रख दिया। दिल्ली डेयर डेविल्स (Delhi Daredevils) की तरफ से खेलते हुए उन्होंने 14 मैचों में 439 रन बनाए और इस साल के इमर्जिंग प्लेयर ऑफ द ईयर (Emerging Player Award) का खिताब ले उड़े। इसके बाद अपने चौथे सीजन 2018 में वह दिल्ली के कप्तान बन गए। एक बल्लेबाज के तौर पर तो वह प्रभावित करने में कामयाब रहे ही, लेकिन जब कप्तानी मिली तो उसमें भी उन्होंने प्रभावित किया। 2018 के बीच सीजन में अय्यर को गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) की कप्तानी छोड़ने पर टीम की कमान मिली थी। इस सीजन में जब उन्होंने कमान संभाला, तब तक दिल्ली कैपिटल्स (Delhi Capitals) प्लेऑफ की दौड़ से बाहर हो चुकी थी, लेकिन अगले ही साल 2019 में उन्होंने शानदार कप्तानी की बदौलत अपनी टीम को प्लेऑफ में पहुंचा दिया।
पहले सीजन में टूटी अंगुली के साथ खेले थे
2015 में जिस साल श्रेयस अय्यर को इमर्जिंग प्लेयर का अवॉर्ड मिला था, उस साल वह पूरे सीजन टूटी अंगुली के साथ खेले थे। श्रेयस ने अब दिल्ली कैपिटल्स के साथ इंस्टाग्राम लाइव चैट के दौरान इस बात का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि इस लीग के डेब्यू सीजन में दिल्ली के कोच गैरी कर्स्टन (Gary Kirsten) ने उन्हें टूटी हुई उंगली के साथ खेलने को प्रेरित किया था। उन्होंने कहा कि यह बात बहुत कम लोग जानते हैं। इस चोट की वजह से उनका डेब्यू सीजन खराब हो सकता था, लेकिन उन्होंने निश्चय किया कि वह इस चोट को अपने खेल के आड़े नहीं आने देंगे। अय्यर ने बताया कि फ्रैक्टर अंगुली के साथ खेलते हुए उन्होंने इस साल 14 मैचों में 439 रन बनाए। गैरी ने उनसे कहा था कि श्रेत्ररक्षण के दौरान आप मैदान में कहीं भी छिप सकते हैं। बस हमारे लिए बल्लेबाजी कर सकते हैं। अय्यर ने कहा कि कर्स्टन चाहते थे कि वह टीम के लिए खेलें। कोच को विश्वास था कि वह टीम के लिए कुछ कर सकते हैं और वह भी कुछ भी करने को तैयार थे।