संजू सैमसन भारतीय क्रिकेट के अहम खिलाड़ी हैं। उन्होंने अब तक 16 वनडे में 56.66 की बेहतरीन औसत से 510 रन बनाए हैं। दिसंबर 2023 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पार्ल में खेले गए अपने आखिरी वनडे में उन्होंने शानदार शतक जड़ा था, जिससे उनका जबरदस्त फॉर्म साबित होता है। टी20 में भी उनका प्रदर्शन ऐतिहासिक रहा है। वे लगातार दो और एक ही साल में तीन अंतरराष्ट्रीय टी20 शतक लगाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज हैं। अक्टूबर 2024 में बांग्लादेश के खिलाफ 47 गेंदों पर उन्होंने 111 रन की धुआँधार पारी खेली, फिर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 50 गेंदों पर 107 और 56 गेंदों पर 109 रन बनाकर इतिहास रच दिया।
उनके हालिया वनडे और टी20 प्रदर्शन को देखते हुए, चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भारतीय टीम में उनकी जगह पक्की मानी जा रही थी। मिडिल ऑर्डर में स्थिरता लाने और जरूरत पड़ने पर तेजी से रन बनाने की उनकी क्षमता टीम इंडिया के लिए बेहद फायदेमंद हो सकती है। विकेटकीपर-बल्लेबाज के रूप में उनकी बहुआयामी प्रतिभा भारी दबाव वाले मुकाबलों में भारत के लिए बड़ा फर्क पैदा कर सकती है। बावजूद इसके, उनके साथ केसीए का यह रवैया सभी को चौंका रहा है।
विजय हजारे ट्रॉफी में संजू सैमसन को प्लेइंग इलेवन से बाहर रखना केरल क्रिकेट एसोसिएशन के लिए एक बड़ा मौका गँवाने जैसा है। इंटरनेशनल क्रिकेट में उनका अनुभव और घरेलू क्रिकेट में निरंतर बेहतरीन प्रदर्शन उन्हें इस टीम में जगह दिलाने के लिए काफी होना चाहिए था। उनकी मैच जिताने की क्षमता, लीडरशिप क्वालिटी और बहुआयामी खेल उन्हें सिर्फ केरल ही नहीं, बल्कि भारत की चैंपियंस ट्रॉफी टीम के लिए भी एक मजबूत दावेदार बनाती है।
हालिया प्रदर्शन को देखें, तो यह साफ है कि सैमसन भारत की लिमिटेड ओवर्स टीम के लिए एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं। ऐसे में केसीए का यह फैसला कई सवाल खड़े करता है: क्या एसोसिएशन वास्तव में प्रतिभाओं को सही मौके दे रहा है? क्या वह उन खिलाड़ियों को प्राथमिकता दे रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत के लिए बड़ा बदलाव ला सकते हैं?
BCCI ने स्पष्ट तौर पर कहा कि भारतीय टीम में चयन का आधार घरेलू क्रिकेट रहेगा। ऐसे में खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट निश्चित तौर पर खेलना होगा। सैमसन का अनुपलब्ध होना BCCI की नीति के खिलाफ है। ऐसे में अब सैमसन पर कार्रवाई हो सकती है। बता दें कि घरेलू क्रिकेट न खेलने पर श्रेयस अय्यर और ईशान किशन को भी कार्रवाई झेलनी पड़ी थी। BCCI ने दोनों ही खिलाड़ियों को केंद्रीय अनुबंध सूची से बाहर कर दिया था।