संजु ने बताया कि 19 साल की उम्र भारत के लिए डेब्यू करने के बाद उन्हें 5 साल तक मौका नहीं मिला। यह समय उनके लिए सबसे कठिन था। कभी-कभी लगता था वापसी मुश्किल है। केरल टीम ने भी उन्हें ड्रॉप कर दिया था। हर मैच में वे जल्दी आउट हो रहे थे। संजु ने कहा, ‘फिर एक बार मेरा दिमाग खराब हुआ, फिर मैने बैट फेक कर मारा और चला गया। उस वक्त मैं सीसीआई स्टेडियम में था।‘
संजु ने कहा, ‘मुझे किसी ने देखा नहीं ऐसे करते हुए। मैंने सोच लिया था कि मैं क्रिकेट छोड़ रहा हूं। वापस घर जा रहा हूं।‘ संजु ने आगे बताया कि इसके बाद वे मरीन ड्राइव पर गए और बैठ गए। समुद्र को देखते हुए सोचने लगे। 2-4 घंटे वहीं बैठे और मैच खत्म होने के बाद वापस आए।
संजु ने कहा, ‘ वापस आया तो देखा मेरा बैट टूट गया है। उसके बाद मुझे बहुत बुरा लगा। वह अच्छा बैट था। अब मैं उसके बारे में सोचता हूं तो हंसी आती है।‘
उर्वशी ने पंत दिया करारा जवाब, ‘छोटू भैया’ बुलाते हुए कहा – मैं कोई मुन्नी नहीं हूं जो बदनाम..
संजू सैमसन कहते हैं, ‘जब हम 6-7 साल के थे तो पहली बार पापा हमें फिरोजशाह कोटला के मैदान पर नेट प्रैक्टिस कराने लेकर गए थे। दिल्ली में कॉम्पिटिशन बहुत ज्यादा था। वहां हमने एक-दो जगह क्रिकेट के ट्रायल दिए लेकिन कुछ हुआ नहीं तो पापा ने फैसला लिया कि अपन अब केरला से ही खेलेंगे। एक महीने के अंदर हम लोग स्कूल वगैरह छोड़कर केरला शिफ्ट हो गए। मेरे और मेरे भाई के लिए हमारे माता-पिता ने यह एक बड़ा बोल्ड फैसला लिया था।’
आमिर खान की फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ पर इंग्लिश क्रिकेटर मोंटी पनेसर आगबबूला
संजू ने बताया, ‘दिल्ली में भी जब हम खेलने जाते थे तो बस स्टैंड तक हमारा किट बैग पापा-ममी उठाकर चलते थे। पीछे से आवाजें आती थी कि ओए सचिन और उसके पापा भी जा रहे भाई, ये बनेगा तेंदूलकर। इस तरह के कई मजाकिया कमेंट उन्होंने सहे है। वह मेरे लिए बड़े कॉन्फिडेंट थे।’