इरफान पठान ने किया ट्वीट
नस्लवाद के मुद्दे पर इरफान पठान (Irfan Pathan) ने ट्वीट कर कहा है कि नस्लवाद सिर्फ त्वचा के रंग के आधार पर भेदभाव ही नहीं, बल्कि अगर आपका विश्वास अलग है और इसकी वजह से सोसाइटी में आपको घर नहीं खरीदने दिया जाता तो यह भी एक तरह का नस्लवाद है।
इरफान पठान (Irfan Pathan) ने कहा कि वह नहीं जानते कि डैरेन सैमी के साथ नस्लवाद कब हुआ, लेकिन वह कह सकते हैं कि घरेलू क्रिकेट में ऐसा होता है। उन्होंने कहा कि 2014 में वह सनराइजर्स हैदराबाद की टीम में सैमी के साथ कैंप का हिस्सा थे। उन्होंने कहा कि संभव है कि ऐसा सच में हुआ हो, लेकिन उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। ऐसा इसलिए भी हो सकता है कि इसकी बड़े पैमाने पर चर्चा न हुई हो। लेकिन साथ में उन्होंने यह कहा कि कि घरेलू क्रिकेट में अक्सर दक्षिण भारतीय क्रिकेटरों को उत्तर और पश्चिमी क्षेत्रों में खेलते हुए नस्लीय टिप्पणी का सामना करना पड़ता है।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी है नस्लवाद
नस्लवाद सिर्फ घरेलू क्रिकेट में ही नहीं, बल्कि घरेलू क्रिकेट में भी आम है। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज डीन जोंस (Dean Jones) ने कमेंट्री के दौरान दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज पूर्व सलामी बल्लेबाज हाशिम अमला (Hashim Amla) को आतंकवादी कह दिया था। पाकिस्तान के कप्तान सरफराज अहमद (Sarfraz Ahmed) भी दक्षिण अफ्रीकी हरफनमौला एंडिले फेहलुकवायो को काला कहा था। इसके अलावा ऑस्ट्रेलियाई डैरेन लेहमन ने भी श्रीलंका के दिग्गज कुमार संगकारा के खिलाफ नस्लीय टिप्पणी की थी। पिछले साल न्यूजीलैंड के दौरे पर इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर पर इसके शिकार हुए थे। एक दर्शक ने आर्चरपर नस्लवादी टिप्पणी की थी। इसके बाद कीवी कप्तान केन विलियमसन ने खुद आर्चर से माफी मांगी थी।