Ravi Shastri पॉजिटिव एटीट्यूड के धनी हैं – जतिन परांजपे
मुंबई रणजी टीम के खिलाड़ी और बीसीसीआई के पूर्व चीफ सिलेक्टर रहे जतिन परांजपे ने रवि शास्त्री के बारे में एक किस्सा बताया है। उन्होंने बताया कि रवि शास्त्री मैदान पर अपने खिलाड़ियों का पुरजोर समर्थन करते थे। फिर वह विरोधी टीम का कोई कोच हो, कप्तान या खिलाड़ी हो, वह साफ कहते थे अगर उनके किसी खिलाड़ी से बात करनी है तो सबसे पहले मुझसे बात करनी होगी। इसी वजह से अन्य टीम के खिलाड़ी भारतीय खिलाड़ियों को ज्यादा कुछ कह नहीं पाते थे।
गौरतलब है कि परांजपे ने रवि शास्त्री की कप्तानी में ही मुंबई के लिए रणजी डेब्यू किया था। बता दें परांजपे का डेब्यू मैच हरियाणा के खिलाफ था। यह रवि शास्त्री ने अपने टीम के खिलाड़ियों का मजबूती से पक्ष रखा।
जतिन परांजपे ने अपने पुराने दिन को याद करते हुए कहा मुझे शास्त्री के साथ एक लम्हा याद है, जब हम जब हम हरियाणा के खिलाफ रणजी मैच खेल रहे थे। इसी बीच हरियाणा के तब के कोच सरकार तलवार ने मुंबई के बल्लेबाज पारस को कुछ कह दिया। इसी बीच रवि शास्त्री बीच में आ गए और उन्होंने कहा मेरे अगर किसी खिलाड़ी से बात करनी है तो पहले मुझ से बात करनी होगी। परांजपे ने रवि शास्त्री की तारीफ के पुल बांधते हुए कहा कि इनमें लीडरशिप की एक खास झलक दिखती थी। उस समय रवि शास्त्री की लीडरशिप दूर से ही झलकती थी। इसके अलावा उन्होंने उन्होंने यह गुण विरासत में विराट कोहली और अन्य खिलाड़ियों को भी विकसित कराने में मदद की
Ravi Shastri Cricket Career – रवि शास्त्री ने 21 फरवरी 1981 को न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट पदार्पण किया, इसी साल 25 नवंबर को इंग्लैंड के खिलाफ वनडे क्रिकेट में भी डेब्यू किया। 80 टेस्ट मैच में शास्त्री के नाम 6185 रन बनाने के अलावा 151 विकेट हैं, जबकि 150 वनडे मुकाबले में 4650 रन बनाने के अलावा 129 विकेट भी झटके हैं। उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट साउथ अफ्रीका के खिलाफ 1992 में खेला।
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