नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) को स्पष्ट तौर पर कह दिया कि यदि वह आईसीसी टी-20 विश्व कप के मैचों की मेजबानी करना चाहता है तो उसे सुरक्षा मानकों का पालन करना होगा।
न्यायाधीश जे. मुरलीधर और न्यायाधीश विभु बाखरू की खंडपीठ ने दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) को स्टेडियम का निरीक्षण कर अदालत को यह बताने के लिए कहा है कि क्या डीडीसीए को ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट दिया जा सकता है।
अदालत ने कहा कि डीडीसीए को सशर्त ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट भी नहीं दिया जा सकता, क्योंकि अदालत नहीं चाहता कि बाद में लोग कहें कि लापरवाही या मानदंडों का पालन न करने के कारण अप्रिय घटना घटी।
अदालत ने कहा, आखिर यह स्टेडियम की सुरक्षा का सवाल है, जो सर्वोपरि है। हमें सर्वोच्च स्थापित मानदंडों का अनुपालन करना चाहिए। अदालत ने एसडीएमसी से तीन सप्ताह के भीतर बताने के लिए कहा है कि क्या डीडीसीए को ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट दिया जा सकता है।
सुनवाई के दौरान डीडीसीए के वकील ने अदालत को बताया कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को सोमवार तक बता देना था कि क्या फिरोजशाह कोटला स्टेडियम विश्व कप की मेजबानी के लिए तैयार है, क्योंकि विश्व कप के लिए टिकटों की बिक्री नौ फरवरी से शुरू होनी है। इस पर अदालत ने डीडीसीए से कहा कि ऐसा है तो अब तक डीडीसीए को सभी मानदंड पूरे कर लेने चाहिए थे।
अदालत ने कहा, अगर आपका स्टेडियम तैयार ही नहीं हो सका है तो आप टिकट कैसे बेच सकते हैं? अगर अदालत के आदेश पर टिकटों की बिक्री होती है और बाद में स्टेडियम असुरक्षित पाया जाता है, फिर क्या होगा? बीसीसीआई को इंतजार करने के लिए कहें।
Hindi News / कोटला में टी-20 वर्ल्ड कप मैच कराने को लेकर फंसा पेंच