आईपीएल में इन कप्तानों के साथ भी खेल चुके हैं
हरभजन सिंह सिर्फ इतने ही कप्तानों के साथ नहीं खेले। अगर इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की बात की जाए तो इसमें कुछ नाम और जुड़ जाएंगे। जैसे रिकी पोंटिंग (Ricky Ponting), विराट कोहली (Virat Kohli) और रोहित शर्मा (Rohit Sharma)। जब 39 साल के हरभजन सिंह से यह पूछा गया कि सबसे ज्यादा उन पर किस कप्तान का प्रभाव पड़ा? तो उन्होंने बेधड़क दादा का नाम लिया। भज्जी ने ये बातें आकाश चोपड़ा (Aakash Chopra) के साथ एक यूट्यूब चैनल पर कही। भज्जी ने कहा कि उनके क्रिकेट करियर में सौरव गांगुली की भूमिका सबसे बड़ी थी। एक समय में वह ऐसे मोड़ पर थे, जब उनकी समझ में नही आ रहा था कि कौन उनके साथ है, क्योंकि लोग सामने कुछ और तथा पीछे कुछ और कहते थे।
हरभजन ने कहा, उनके समर्थन में कोई नहीं था
हरभजन सिंह ने कहा कि सौरव गांगुली ने उस वक्त उनका समर्थन किया, जब उनके समर्थन में कोई नहीं था। हरभजन ने कहा कि चयनकर्ता (Selectors) भी उनके खिलाफ थे। टर्बनेटर ने कहा कि चयनकर्ताओं ने उनके सामने ही बहुत सारी बातें की, जिन्हें वह बता नहीं सकते। इसके आगे उन्होंने एक बार फिर गांगुली की तारीफ करते हुए कहा कि दादा के लिए उनके पास शब्द नहीं हैं। यदि वह कप्तान न होते तो वह कह नहीं सकते कि उनका क्या होता। कोई दूसरा कप्तान उनका समर्थन करता या नहीं।
गांगुली की वजह से ही खेल पाए 100 टेस्ट
हरभजन सिंह ने कहा कि अगर सौरव गांगुली नहीं होते तो वह कभी 100 टेस्ट नहीं खेल पाते। वह हमेशा गेंदबाजों के साथ खड़े रहते थे और उन्हें अपनी मर्जी से गेंदबाजी की छूट देते थे। भज्जी ने कहा कि यदि आप कैच पकड़ने के लिए 4-5 फील्डर सामने चाहते हैं तो दादा उसके लिए भी तैयार रहते थे। वह वही करते, जो गेंदबाज चाहता है। वह वनडे में कभी-कभी उनसे लगातार 6-7 ओवर फेंकवाते थे। भज्जी ने कहा कि वह गांगुली का शुक्रिया अदा करते। दादा ने मुझे एक अच्छे गेंदबाज के रूप में उन्हें तैयार किया। उनकी वजह से ही वह साहसी, भरोसेमंद और निडर स्पिनर बन पाए।