धमाकेदार वापसी के साथ की सबकी बोलती बंद
साल 1983 से लेकर 1999 तक नवजोत सिंह सिद्धू ने क्रिकेट के मैदान में खूब नाम कमाया। इस क्रिकेटर ने अपने करियर का आगाज साल 1983 में किया लेकिन उनके करियर की शुरुआत काफी खराब रही। अपने पहले दो टेस्ट मैच में वह फेल रहे और उसके बाद उन्हें टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। इसके बाद उन्होंने खुद पर खूब मेहनत की और एक बार फिर से टीम इंडिया में जगह बनाई फिर जो हुआ सब जानते हैं । वापसी कर रहे सिद्धू ने 1987 के वर्ल्डकप में उन्होंने 7 मैच की 5 पारियों में 4 अर्धशतक ठोक दिए। इस दौरान उन्होंने सबसे ज्यादा 276 रन बनाए।
बहुरंगी प्रतिभा के धनी हैं सिद्धू
1999 में सिद्धू का करियर खत्म हो गया और इसके बाद साल 2001 में उन्होने बतौर कमेंटेटर अपना करियर शुरू किया। कम समय में ही कमेंटरी के दौरान सिद्धू काफी मशहूर हो गए। लगातार बोलते रहना और शायरी से हर बात को बताना सिद्धू का स्टाइल बन गया। उनके साथ खेल चुके क्रिकेटर्स ने कई बार बताया है खेलने के दौरान सिद्धू बिल्कुल चुपचाप रहते थे, यहां तक की मैन ऑफ द मैच बनने के बाद भी वह काफी डरते थे कि इंटरव्यू के दौरान क्या बोलना है। लेकिन बाद में सिद्धू के वन लाइनर की भी तारीफ होने लगी। क्रिकेट कमेंटरी जैसे सीरियस माने जाने वाले काम को भी उन्होंने एक नया कलेवर दे दिया । सिद्धू क्रिकेटर के अलावा नेता, कई कॉमेडी शो के जज, कमेंटेटर रह चुके हैं।
विवादों से भी रहा है रिश्ता
सिद्धू ने जितने रिकार्ड्स और नाम कमाएं उतने ही विवादों के साथ भी उनका नाम जोड़ा गया । सिद्धू ने 2004 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की तरफ से अमृतसर की सीट पर जीत हासिल की। इसके कुछ समय बाद कोर्ट केस होने की वजह से उन्हें अपना पद छोड़ना पड़ा था। अब कांग्रेस नेता और पंजाब सरकार में मंत्री के रूप में शामिल सिद्धू पाकिस्तान के नए बने प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने और पाकिस्तानी सेना प्रमुख कमर जावेद बजवा को गले लगाने के कारण विवादों में आये थे । फिर अभी कुछ दिन पहले उन्होंने भारत की पाकिस्तान से तुलना की थी। अब कल हुए अमृतसर में ट्रेन हादसे के बाद एक बार फिर से सिद्धू सबके निशाने पर हैं ।