परिस्थिति के हिसाब से लिया जाए निर्णय
बीसीसीआई अधिकारी ने बताया कि यूं तो आईपीएल आयोजन को लेकर आम राय यह है कि इसे भारत में ही कराया जाए। लेकिन कुछ ऐसे भी हैं, जिनका मानना है कि परिस्थिति के हिसाब से निर्णय लिया जाए। अगर देश में खेल के लायक सुरक्षत वातावरण नहीं मिलता और अगर जरूरत पड़ती है तो इस लीग को भारत के बाहर भी लेकर जाया जा सकता है।
3-2 का है मामला
अधिकारी ने कहा कि आईपीएल को लेकर बोर्ड के वर्तमान परिदृश्य को समझना है तो मान लीजिए कि अगर पांच लोग निर्णय लेने वाले हैं तो वह 3-2 में विभाजित हैं। हालांकि कौन देश में कराने के पक्ष में है और कौन विदेश के पक्ष में, इससे किनारा करते हुए उन्होंने कहा कि नाम पर हीं जाते हैं कि किसने क्या कहा, लेकिन वह आपको यह जरूर बता सकते हैं कि आम धारणा यह है कि भारत में लीग होना, न सिर्फ देश के लोगों में सकारात्मकता का प्रतीक होगा, बल्कि इससे हमें मदद भी मिलेगी कि विदेश जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
कुछ लोग हर हाल में चाहते हैं आईपीएल
अधिकारी ने कहा कि यहां कुछ लोग ऐसे भी हैं कि हर हाल में टूर्नामेंट का आयोजन होना चाहिए। इसका अर्थ यह है कि अगर आईपीएल को देश से बाहर ले जाने की जरूरत है तो उसे ले जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसलिए हम सभी योजनाओं पर काम कर रहे हैं और आयोजन स्थल एक ऐसा मामला है, जिस पर अधिक विचार-विमर्श की जरूरत पड़ेगी। इसके अलावा खिलाड़ी, आईपीएल से जुड़े तमाम लोग, दर्शक आदि की सुरक्षा भी हमारी प्राथमिकता में है।
वहीं एक फ्रेंचाइजी अधिकारी ने कहा कि आईपीएल का आयोजन हमेशा प्राथमिकता में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर लीग का आयोजन देश में होता है तो इससे न सिर्फ दुनियाभर में सकारात्मक संदेश जाएगा, बल्कि भारत के लोगों में भी विश्वास की बहाली होगी कि हम चीजों को फिर से सामान्य करने में कामयाब रहे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर आप बाहर जाते हैं तो टूर्नामेंट थोड़ा महंगा हो जाएगा। इसलिए उनका मानना है कि उनकी तरह अधिकतर फ्रेंचाइजी देश में ही आयोजन को प्राथमिकता देगी।
आईपीएल नहीं हुआ तो 4,000 करोड़ रुपए का होगा नुकसान
बता दें कि पिछले महीने ही बीसीसीआई ने कहा था कि अगर आईपीएल 2020 रद्द होता है तो उसे करीब 4,000 करोड़ रुपए का नुकसान होगा। बोर्ड के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल (Arun Dhumal) ने कहा था कि बीसीसीआई एक बहुत बड़े आर्थिक नुकसान की तरफ बढ़ रही है। अगर आईपीएल नहीं होता है तो बोर्ड को कम से कम 40 बिलियन रुपए का नुकसान होगा। यही कारण है कि बीसीसीआई के कुछ अधिकारी चाहते हैं कि हर हाल में आईपीएल के 13वें सीजन का आयोजन कराया जाए।