scriptचौधरी बल्लाराम ने स्वतंत्रता संग्राम में पूरे परिवार को लगाया था दांव पर | Chaudhary Ballaram had planted the whole family in the freedom strugg | Patrika News
चूरू

चौधरी बल्लाराम ने स्वतंत्रता संग्राम में पूरे परिवार को लगाया था दांव पर

तहसील के नवां ग्राम पंचायत के छोटे गांव गुडाण के लोगों ने बीकानेर रियासत क्षेत्र में स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।

चूरूDec 28, 2018 / 02:04 pm

Madhusudan Sharma

churu news

चौधरी बल्लाराम ने स्वतंत्रता संग्राम में पूरे परिवार को लगाया था दांव पर

भंवरसिंह राजपूत
सादुलपुर. तहसील के नवां ग्राम पंचायत के छोटे गांव गुडाण के लोगों ने बीकानेर रियासत क्षेत्र में स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। प्रो.केदार व चौधरी कुम्भाराम आर्य ने यहीं से बीकानेर रियासत में स्वतंत्रता संग्र्राम की रणभेरी बजाई थी। उनकी प्रेरणा से गांव नवां निवासी चौधरी बल्लाराम आर्य व इनके तीन भाईयों ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया। अपने पूरे परिवार को दांव पर लगाकर स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करते रहे।
चौधरी बल्लाराम आर्य का जन्म सन् १९२० में हुआ था उनके पिता का नाम हुणताराम था तथा उनके तीन बड़े भाई ददेराम आर्य, सुगनाराम व यादराम भी स्वतंत्रता सेनानी थे। उनके बड़े भाई यादराम आर्य ने सन् १९३९ में दक्षिणी हैदराबाद के निजाम के विरुद्ध आर्य समाज के सत्याग्रह में भाग लिया। उनको १९ माह की कारावास से दंडित किया गया।
नौ सपूतों ने आजादी का दिया नारा
बीकानेर रियासत की जनता को राह दिखाने के लिए नौ मई १९४६ को १३ वीर सपूतों ने बीकानेर में हम आजादी चाहते हैं, नारे का जयघोष कर दिया। चौधरी बल्लाराम आर्य ने इसका नेतृत्व किया था। बीकानेर शहर में ऐतिहासिक जुलूस छबीली घाटी से शुरू होकर शहर के बीच से गुजरता हुआ पुलिस लाइन रोशनी घर के पास पहुंचा। यहां पुलिस ने आंदोलनकारियों पर लाठियां बरसाई। जिसमें प्रदर्शनकारी लाठियों से घायल हो गए थे।
परिवार का रहा योगदान
स्वंतत्रता आंदोलन में बल्लाराम आर्य के पूरे परिवार का महत्वपूर्ण योगदान रहा। २९ दिसंबर १९९६ को हृदय गति रुकने से उनका देहांत हो गया। चौधरी के पुत्र हवासिंह आर्य वर्तमान में आर्य समाज के प्रवक्ता हैं। उन्होंने बीकानेर रियासत के स्वतंत्रता संग्राम की मुंह बोलती कहानी नामक पुस्तक १९८४ में प्रकाशित की थी।
बल्लाराम आर्य की प्रतिमा स्थापित
गत वर्ष २८ दिसंबर को चौधरी बल्लाराम आर्य के पुत्र हवासिंह आर्य ने अपने पिता की प्रतिमा का निर्माण करवाया। इसका लोकार्पण गांव गुडाण में शहीद-ए-आजम भगतसिंह के भतीजे सरदार किरणजीत सिंह ने किया था। उनकी याद में २९ दिसंबर को गांव गुडाण में पुण्य तिथि मनाई जाएगी।
तोड़ी धारा 144, निकाला जुलूस
हैदराबाद की जेल से रिहा होने के बाद उन्होंने चांदगोठी में धारा १४४ तोड़कर जुलूस निकाला। जिसके कारण उन्हें फिर नौ माह की सजा सुनाई गई। १५ अप्रेल १९४६ को बीकानेर रियासत में एक बहुत बड़े प्रदर्शन का आयोजन किया गया। इसके प्रमुख संचालक चौधरी बल्लाराम आर्य के बड़े भाई ददेराम आर्य थे। ९ मई १९४६ को सादुलपुर शहर के शीतला बाजार में हुए लाठी प्रहार में उनको गंभीर चोटें लगी।

Hindi News / Churu / चौधरी बल्लाराम ने स्वतंत्रता संग्राम में पूरे परिवार को लगाया था दांव पर

ट्रेंडिंग वीडियो