सूचना के बाद जिले के एएसपी अवधेश प्रताप सिंह चौरई पहुंचे और पदाधिकारियों से बातचीत की। एएसपी ने कहा कि रैली के बजाय प्रतिनिधिमंडल ले जाकर मांगें रखें। हमें कोई आपत्ति नहीं। समझाने के बाद बात नहीं मानने पर अखंड हिंदू वाहिनी सेना और करणी सेना के 15 प्रमुख लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और शाम को उन्हें छोड़ दिया गया। यात्रा के आयोजक अरुण प्रताप सिंह, उदय ठाकुर, रणधीर ठाकुर और जितेंद्र चौरे ने बताया कि हमारी यात्रा का उद्देश्य मुख्यमंत्री से मिलकर उनके समक्ष प्रदेश में समान नागरिक संहिता कानून, जनसंख्या नियंत्रण कानून, समान शिक्षा कानून जैसे दस जरूरी मामलों पर जनहित में कानून बनाकर प्रदेश में जल्द लागू किए जाने की मांग रखना था, परंतु दुर्भाग्य है कि तानाशाह दिखाकर हमें तिरंगा यात्रा निकालने से रोका जा रहा है।
- उग्र आंदोलन की चेतावनी
संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि हमारे अधिकारों का हनन किया जा रहा है। देश में पाकिस्तान और फिलिस्तीन के झंडे लहराने वालों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए पुलिस बेबस नजर आती है और राष्ट्रीय ध्वज लेकर यात्रा निकालना पुलिस को अपराध लग रहा है। आगामी समय में हम इसका विरोध करते हुए उग्र आंदोलन करेंगे।