रोहनाकलां में श्रीमदभागवत प्रज्ञा पुराण कथा छिंदवाड़ा. जनमानस के मन का विचार समय के अनुसार विवेकपूर्ण होना चाहिए। आज के दौर में परेशानी और अविश्वास बढ़ता जा रहा है। इससे समाज में खींचतान, स्वार्थ, लोभ, दुख-पतन, विकृतियों का अम्बार लगा हुआ है। ऐसे में समाज को युग के अनुरूप दिशा चिंतन, व्यवहार, परमार्थ के लिए हृदय में परिवर्तन के लिए श्रीमद प्रज्ञा पुराण का आयोजन रोहनकलां में माहोरे परिवार द्वारा किया गया है।
सात दिवसीय इस आयोजन में प्रज्ञा विद मनोहर भाई, दिनेश दुबे, संगीतज्ञ हरिहर भाई, अशोक भाई आदि के माध्यम से भारतीय संस्कृति के निर्माण और आध्यात्मिक जीवन को बनाने प्रयास किया जा रहा है।
मानव सेवा ही माधव सेवा -मनोज कृष्णानंद धर्मसेवा मंडल द्वारा साईं मंदिर के सामने आयोजित 15 दिवसीय धर्मोत्सव में श्रीमद भागवत के विराम चरण में प्रवेश करते हुए मनोज कृष्णानंद महाराज ने भागवत सार को प्रतिपादित करते हुए कहा कि इस कलियुग में मानव सेवा ही माधव सेवा है। महामंडलेश्वर वैराज्ञानंद महाराज ने धर्म सभा को संबोधित किया। 15 दिवसीय धर्मोत्सव 23 जनवरी को आरंभ हुआ था आठ फरवरी को इसकी पूर्णाहुति के बाद 11.30 बजे से दोपहर 3.30 बजे तक महाप्रसाद भंडारा आयोजित किया गया है।