60 साल से अधिक हुई आयु तो 10 हजार से ज्यादा महिलाएं नहीं रही लाड़ली
लाड़ली बहना योजना में अब केवल 3.93 लाख महिलाएं 1250 रुपए मासिक के लिए पात्र, नए आवेदन करने नहीं खुला पोर्टल
छिंदवाड़ा.राज्य शासन की सबसे महत्वपूर्ण लाड़ली बहना योजना में लगातार दूसरे साल 60 वर्ष की आयु पार होने पर 10 हजार से ज्यादा महिलाएं लाड़ली नहीं रही। इन्हें 1250 रुपए मासिक राशि के लाभ से अलग कर दिया गया। अब केवल 3 लाख 93 महिलाएं ही इस योजना में शेष बताई गई है।
महिला बाल विकास विभाग के पोर्टल के अनुसार छिंदवाड़ा और पांढुर्ना जिले में मई से दिसम्बर 2023 तक 4 लाख 7 हजार 38 महिलाओं का पंजीयन किया गया था। इनमें से इस माह जनवरी में केवल 4 लाख 70 महिलाओं के खाते में 1250 रुपए प्रति हितग्राही के हिसाब से 48 करोड़ रुपए डाले गए। शेष महिलाओं के नाम काटे जाने पर काफी होहल्ला मचा रहा।
इसकी खोजबीन करने पर पाया गया कि लगातार दूसरे वर्ष इस पोर्टल में 60 वर्ष की आयु तथा हितलाभ त्याग करने वाली महिलाओं की संख्या तो है ही, साथ ही योजना में 690 महिलाएं अपात्र तथा 464 महिलाएं मृत होना बताई गई है। इसके अलावा समग्र से डिलीट 399 तथा आधार से समग्र का संपर्क टूटने में 478 महिलाएं है। इस वजह से लाड़ली बहनोंं की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है।
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अलग-अलग कारण से हटी महिलाएं
विधानसभा चुनाव की आचार संहिता 9 अक्टूबर 23 से पहले लाड़ली बहनों की रजिस्टर्ड संख्या 4.15 लाख बताई गई थी। इनमें से आठ हजार महिलाओं के नामों को स्वीकृति नहीं मिल सकी। विभागीय जानकारी में केवल 4 लाख 7 हजार महिलाओं के आवेदन मिलना बताए गए। उसके बाद अपात्र, साठ वर्ष की आयु, लाभ त्याग, मृत, समग्र से डिलीट नाम हटाए गए।
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शहरी और ग्रामीण बाजार में आई रौनक
लाड़ली बहना योजना में महिलाओं को हर माह करीब 47 करोड़ रुपए हर माह मिल रहे हैं। इससे शहरी और ग्रामीण बाजार में रौनक आ गई है। सामान की खरीदी-बिक्री से बाजार में नगदी आ रही है। शहरी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिल रही है। व्यवसायी मान रहे हैं कि डेढ़ साल से लगातार लाड़ली बहना की राशि प्राप्त होने से गरीब महिलाओं की हाथों में क्रय शक्ति आई है। वे खान-पान की चीजों के साथ मनपसंद वस्तुएं खरीदने उत्सुक हुई है। इससे बाजार की गतिविधियां भी तेज हुई है।
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इस वजह से हटी महिलाओं की संख्या
अपात्र महिलाओं की संख्या-690
लाभ परित्याग करने वाली महिलाएं-855
मृत महिलाओं की संख्या-464
समग्र से डिलीट महिलाएं-399
आधार से समग्र डि-लिंक महिलाएं-478
60 वर्ष से अधिक आयु की महिलाएं-10963
कुल पात्र महिलाएं-393183
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लाड़ली बहना में फंसी भारिया महिलाओं की कुपोषित राशि
लाड़ली बहना योजना का लाभ लेने की वजह से करीब 15 सौ महिलाओं की कुपोषित मद से मिल रही 1500 रुपए मासिक की राशि फंस गई है। राज्य शासन की ओर से इस पर आ रही आपत्तियों का निराकरण का जिम्मा जनजातीय कार्य विभाग को सांैंपा गया है। विभागीय कर्मचारियों के मुताबिक तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समय से भारिया महिलाओं को पहले 1000 रुपए और अब 1500 रुपए प्रतिमाह की राशि मिल रही है। जिले भर में पातालकोट, तामिया, जुन्नारदेव, हर्रई, अमरवाड़ा, छिंदवाड़ा समेत अन्य क्षेत्रों की 6700 महिलाओं को ये राशि पहले मिलती रही। लाड़ली बहना योजना लागू होने पर कुछ महिलाओं के इसके आवेदन भी जमा कर दिए। इससे उन्हें भी ये राशि प्राप्त होना शुरू हो गई। इसका पता जब सरकार को चला तो इस पर दावे-आपत्तियों के आधार पर करीब 1500 महिलाओं के खाते से कुपोषण के नाम पर मिल रही 1500 रुपए की राशि को ब्रेक कर दिया गया। कर्मचारियों के मुताबिक इस समय हर दिन राज्य शासन से ऐसी महिलाओं के नाम आ रहे हैं, जिनके दावे-आपत्तियों का निराकरण होना है। इनमें हर महिलाओं को लाड़ली बहना या फिर कुपोषण की राशि में से एक चुनना होगा। इस दावे आपत्तियों की वजह से 6700 महिलाओं में से केवल 6598 महिलाओं को कुपोषण की राशि मिल सकी।
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