11815 किमी वर्ग में 30 फीसदी जंगल
देखा जाए तो छिंदवाड़ा/पांढुर्ना जिले में कुल 11815 वर्ग किमी क्षेत्र में जंगल का हिस्सा 30 फीसदी है। तीन वनमंडल पूर्व, पश्चिम और दक्षिण की सीमा में इस बाघ के कुनबे की अनुमानित संख्या इस समय 50 से अधिक है। वर्ष 2018 में ही 48 टाइगर की मौजूदगी के साक्ष्य मिले थे।
कुंभपानी बिछुआ से लेकर झिरपा तक वन्यप्राणी
पेंच पार्क के बफर जोन में ग्राम कुम्भपानी और बिछुआ रेंज के एक हिस्से में टाइगर का मूवमेंट है तो वहीं चोरई के हलाल से जुड़े जंगल मे बाघ की दहाड़ सुनाई देती है। इसके अलावा परासिया, तामिया और झिरपा से जुड़े सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के बफरजोन में भी यह वन्य प्राणी दखल है। दक्षिण में सिल्लेवानी और सौंसर का जंगल टाइगर के लिए महफूज है। इन इलाकों में आए दिन बाघ-तेंदुआ की दहाड़ सुनाई दे रही है।
पोआमा में पिंजरे में फंसा था तेंदुआ, रेस्क्यू कर छोड़ा
दो माह पहले पोआमा आंचलिक वानिकी अनुसंधान केंद्र में एक सप्ताह से भ्रमण कर रहे तेंदुआ को पिंजरे में पकड़ा गया और उसका रेस्क्यू कर उसे पेंच नेशनल पार्क के जमतरा गेट में छोड़ा गया। इसी तरह दूसरे वन्य प्राणी सांवरी परिक्षेत्र में भी भ्रमण करते रहे। इसके अलावा सौंसर के इलाके में भी बाघ-तेन्दुआ का भ्रमण बना हुआ है।