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छिंदवाड़ा

Paryushan Parv : क्रोध के अभाव में क्षमा प्रगट होती है

दसलक्षण महापर्व : स्वाध्याय भवन में प्रवचन

छिंदवाड़ाSep 04, 2019 / 11:37 pm

Rajendra Sharma

Paryushan mahaparv

Paryushan mahaparv

छिंदवाड़ा. पर्युषण पर्व पर जिनालयों और चैत्यालयों में जहां पूजा-अर्चना चल रही है वहीं विद्वानों के प्रवचन भी हो रहे हैं। दस दिवसीय महापर्व के दूसरे दिन जैन धर्मावलंबियों में उत्तम मार्दव धर्म की आराधना की। इस मौके पर स्वाध्याय भवन में चल रहे प्रवचनों की शृंखला में बहन राजकुमारी दीदी ने कहा कि क्रोध के अभाव में क्षमा प्रगट होती है और मान कषाय के अभाव में मार्दव धर्म अर्थात जिन्हें मार्दव धर्म प्रगट करना हो वे मान कषाय अर्थात अहंकार का त्याग करें। उन्होंने युवा पीढ़ी से कहा कि ये दस धर्म उन्हें ही प्रगट होते हैं जो अपनी संस्कृति की रक्षा करता है। जिनके हृदय में ये गुण रहेंगे धर्म वहां रहेगा। हाथ मिलाना या गले मिलना हमारी संस्कृति नहीं है, यह सब पाश्चात्य संस्कृति है अत: हमें इनसे बचना चाहिए और किसी भी कीमत पर अपनी संस्कृति को नहीं छोडऩा चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार हम प्रतिदिन दर्पण देखकर अपना चेहरा संवारते हैं उसी प्रकार जिन मंदिर में बैठे जिनेन्द्र परमात्मा के प्रतिबिंम्ब को देखकर विचार करो कि ऐसे शांत बैठने से ही जीवन में शांति और समता आएगी, व्यर्थ की उठापटक बंद करो।
आज होगी उत्तम आर्जव धर्म की आराधना

गुरुवार को सकल दिगम्बर जैन समाज धर्म के तीसरे लक्षण उत्तम आर्जव धर्म की आराधना करेगा। साहित्यिक कार्यक्रमों के क्रम में स्वाध्याय भवन में रात्रि प्रवचनों पश्चात चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। दूसरे दिन कलश घुमाओ प्रतियोगिता में बड़ी संख्या में प्रतिभागियों ने हिस्सा लेकर जिन शासन की प्रभावना की।

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