पाढुर्णा के नया जिला बनने के बाद अब छिंदवाड़ा जिले का परिदृश्य, सामान्य ज्ञान और सियासी भूगोल तीनों बदल गए हैं। शुक्रवार देर रात जारी किए गए प्रस्ताव पर प्रकाशन की तारीख से 30 दिन के बाद विचार करने का भी जिक्र किया गया है। यानी 30 दिन में दावे आपत्ति पेश करने का भी समय दिया गया है।
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घोषणा के 24 घंटे बाद नोटिफिकेशन जारी
आपको बता दें कि, गुरुवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज ने सौंसर में हनुमान लोक के भूमिपूजन करने के बाद सभा को संबोधित करते हुए पांढुर्णा को अलग जिला बनाने की घोषणा की थी। हालांकि, इस संबंध् में शिवराज कैबिनेट में फैसला होना था, जिसके बाद प्रशासनिक स्तर पर नोटिफिकेशन जारी होना था। लेकिन कैबिनेट बैठक के पहले ही सीएम की घोषणा के 24 घंटे बाद ही अवर सचिव कलिस्ता कुजूर ने पांढुर्णा को जिला बनाने के प्रकाशन का प्रस्ताव जारी कर दिया है।
अब छिंदवाड़ा नहीं पांढुर्णा है महाराष्ट्र बॉर्डर का जिला
ये भी जान लें कि, मध्य प्रदेश शासन की ओर से जारी नोटिफिकेशन के हिसाब से नए पांढुर्णा जिले में पांढुर्णा और सौंसर तहसील के कुल 137 पटवारी हल्के शामिल किए गए हैं। इनमें पांढुर्णा के 74 और सौंसर तहसील के 63 पटवारी हल्के शामिल हुए हैं। नए पांढुर्णा जिले का मुख्यालय पांढुर्णा ही होगा। जिले के गठन की प्रक्रिया पूरी होते ही यहां नए कलेक्टर और एसपी भी पदस्थ होंगे। इस जिले में दो विधानसभा क्षेत्र सौंसर और पांढुर्णा होंगे। पांढुर्णा के जिला बनने के बाद अब छिंदवाड़ा के बजाए पांढुर्णा मध्य प्रदेश का महाराष्ट्र बॉर्डर से लगा जिला कहलाएगा। हालांकि, अब छिंदवाड़ा से ज्यादा आर्थिक सम्पन्न पांढुर्णा होगा। विभाजन में रेत, इंडस्ट्री और संतरा चले जाएंगे।