पिछले दो सप्ताह से जुन्नारदेव कन्हान मंच के पत्र पर राज्य शासन ने जुन्नारदेव तहसील को जिला बनाने कलेक्टर छिंदवाड़ा से अभिमत मांगा है। ये प्रक्रिया कुछ आगे बढ़ती, इससे पहले ही परासिया के रहवासियों ने भी एक मंच का गठन किया और परासिया को जिला बनाने की मांग की।
जुन्नारदेव-परासिया से विधानसभा में उठे सवाल
छिंदवाड़ा को संभाग बनाने की मांग से संबंधित सवाल परासिया विधायक सोहन बाल्मीक व जुन्नारदेव के विधायक सुनील उइके की ओर से उठाए गए हैं। सरकार से इसका जवाब भी मांगा गया। हर बार उत्तर नहीं आया। फिर भी विधायकों के प्रयास जारी है। इस मुद्दे पर परासिया विधायक सोहन बाल्मीक भी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मिल चुके हैं। इनमें से कौन सा जिला बनेगा और कौन किसका हिस्सा होगा, ये तो भविष्य ही तय करेगा। फिलहाल जिला स्तर पर एक और मांग पर सुगबुगाहट सुनी जा रही है। यह मांग 16 साल पुरानी छिंदवाड़ा संभाग की है। यदि जुन्नारदेव या परासिया में से कोई एक जिला बनता है, तो छिंदवाड़ा को संभाग बनाया जा सकता है।
छिंदवाड़ा वासियों को याद है घोषणा
तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने साल 2008 में शहर में सभा की थी। इस सभा में उन्होंने छिंदवाड़ा को संभाग का दर्जा दिए जाने की घोषणा की थी। इसके बाद जब वे सिवनी-बालाघाट गए, तब वहां के रहवासियों ने इसका विरोध किया। शासन के इस प्रस्ताव पर असहमति जाहिर की। इसके चलते छिंदवाड़ा 16 साल बाद भी संभाग नहीं बन सका। यदि उस समय विरोध के स्वर नहीं उठते तो छिंदवाड़ा में संभाग कमिश्नर की कुर्सी आ गई होती।
जुन्नारदेव को एमपी का 56वां जिला बनाने की तैयारी
छिंदवाड़ा जिले की जुन्नारदेव विधानसभा को एमपी का 56वां जिला बनाने की तैयारी है। इसके लिए राजस्व विभाग ने छिंदवाड़ा कलेक्टर को पत्र लिखकर प्रस्ताव मांगा है। इस जिल में कौन सी विधानसभा और कौन सी तहसीलें शामिल होगी। अभी तक यह स्पष्ट नहीं है। विधानसभा चुनाव के पहले ही छिंदवाड़ा से अलग करके पांढुर्णा को जिला बनाया गया था। जिसमें पांढुर्णा और सौंसर विधानसभा शामिल हैं।