साल भर पहले आ चुका है नियम
मंडियों को ऑनलाइन करने के लिए पिछले साल ही ई मंडी का नियम लागू हो चुका है। विगत 17 जनवरी 2024 से ई मंडी योजना के अंतर्गत पहले चरण में मक्का एवं गेहूं के किसानों को छोडकऱ सोयाबीन, चना, मूंग एवं तुअर लेकर मंडी आने वाले किसानों के मोबाइल में ई मंडी ऐप लोड किया गया। बाद में एक अपे्रल के बाद मक्का और गेहूं किसानों को भी इस व्यवस्था के अंतर्गत शामिल कर लिया गया था। ई मंडी ऐप में किसान की जानकारी दर्ज करने के साथ उसका मोबाइल नंबर भी दर्ज होता है। वहीं उसके लाए उपज या सब्जी की अनुमानित मात्रा सहित खरीदार व्यापारी के भाव की जानकारी एवं भुगतान दर्ज होगी। यह समस्त जानकारी पूरे प्रदेश में तत्काल दिखने भी लगेगी।फिलहाल यह है व्यवस्था
गुरैया थोक सब्जी मंडी में किसान की सब्जियों की बिक्री दो तरह से होती है। पहली जिसमें किसान की उपज को सब्जी व्यापारी एक कमीशन एजेंट की तरह अपने छह प्रतिशत पारिश्रमिक की दर से दिनभर बेचते हैं। बाद में किसान को अपना कमीशन काटकर शेष भुगतान कर देते हैं। दूसरा व्यापारी किसान से पूरी सब्जी खरीदकर उसे भुगतान कर देता है। बाद में वह सब्जियों को दूसरे दुकानदारों को बेचता रहता है। मंडी कर्मी किसान की लाई सब्जियों की मैनुअल इंट्री पहले या बाद में अपने हिसाब से रजिस्टर में दर्ज करते हैं।गुरैया थोक सब्जी मंडी में कृषि उपज मंडी कुसमेली की तरह ही अब पीओएस मशीन से सूखी सब्जियों का पंजीयन होगा। यह पूरी तरह ऑनलाइन प्रक्रिया है। इसके लिए गुरैया सब्जी मंडी में समझाइश दी जाएगी।
सुरेश कुमार परते, सचिव कृषि उपज मंडी कुसमेली