विगत दो सप्ताह से गेहूं के दाम लगातार बढ़े हैं। एक पखवाड़े में अब तक करीब ३५० रुपए प्रति क्विंटल से अधिक दाम बढ़ चुके हैं। मंडी के आंकड़ों के अनुसार गेहूं के अधिकतम दाम 11 सितंबर को 2768 रुपए प्रति क्विंटल थे, जो 27 सितंबर को 3145 रुपए प्रति क्विंटल हो चुके हैं। उल्लेखनीय है कि गेहूं की मांग लगातार स्टॉकिस्टों एवं उपभोक्ताओं में बनी हुई है, लेकिन सीजन की तुलना में गेहूं की आवक दस फीसद ही है। इसके चलते उच्च गुणवत्ता के गेहूं के दाम काफी बढ़ गए हैं। गेहूं के बढ़ते हुए दामों का असर अब आटे के थोक दामों पर भी पड़ चुका है। विगत सप्ताह आटे की 50 किलो बोरी जहां 1570 रुपए प्रति क्विंटल में मिल रही थी, वहीं इस सप्ताह उसकी कीमत 1620 रुपए हो चुकी है।
सितंबर के पहले सप्ताह गणेश उत्सव एवं दूसरे सप्ताह के बाद 15 दिवसीय पितर पूजन चल रहे हैं। बड़े उत्सवों, धार्मिक समारोहों में बड़े पैमाने पर भंडारों का आयोजन होता है। इस दौरान आटे की खपत बढ़ जाती है, जबकि इन दिनों गेहूं की आवक काफी कमजोर रहती है। इसके अलावा गरीब वर्ग को भी राशन में गेहूं की जगह चावल मिल रहा है। इससे घर के लिए रोटी की जरूरत बाहर फुटकर गेहूं खरीदकर पूरी हो रही है। किराना थोक व्यापारी शिव कुमार नोटानी ने बताया कि गेहूं के बढ़ते हुए दामों का असर आटे के साथ मैदा एवं सूजी पर भी पड़ा है। विगत सप्ताह मैदा की 50 किलो की बोरी 1660 रुपए की थी। इस सप्ताह वह 1710 रुपए की हो चुकी है, जबकि सूजी की 50 किलो की बोर 1750 रुपए से बढक़र अब 1810 रुपए हो चुकी है।