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छिंदवाड़ा

CM Rise School: सपने साकार होने में बाधा

स्कूल बस संचालन के लिए नहीं मिल रहे ट्रांसपोर्टर, पर्याप्त कक्ष की पहले से ही समस्या

छिंदवाड़ाAug 20, 2022 / 12:04 pm

prabha shankar

CM Rise School

CM Rise School

छिंदवाड़ा। सीएम राइज स्कूल संचालित होने के पहले ही कई अडंगे लगने लगे हैं। इस सत्र में 50 स्कूलों को हर तरह से पूरा मानकर संचालित किए जाने की स्वीकृति मिल चुकी है, और जो कुछ कमी है वह भी कुछ महीनों में दूर करने की बात कही जा रही थी। अब सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को स्कूल शिक्षा विभाग के ही अधिकारी मूर्त रूप देने में असफल साबित हो रहे हैं। छिंदवाड़ा जिले में भी चार सीएम राइज स्कूलों को इस साल हरी झंडी मिली, जबकि इन सभी के पास पर्याप्त कमरे भी नहीं हैं। अब तो बस ट्रांसपोर्टर भी स्कूल बस संचालन के लिए कोई रुचि नहीं ले रहे हैं। सूत्रों की मानें तो डीपीआई स्तर से ड्रेस कोड की तैयारी तो हुई है, लेकिन जिलास्तर तक आते-आते वह भी निरस्त हो गई। फिलहाल पांढुर्ना, सौंसर, परासिया सहित गुरैया में सीएम राइज स्कूल अभी उसी स्थिति में संचालित हो रहे हैं। इसके आगे इन स्कूलों के पूर्व की संरचना में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

दो बार निरस्त, तीसरी बार टेंडर
स्कूलों तक बच्चों को घरों से लाकर छोडऩे के लिए वाहन तक नहीं लगाए जा सके हैं। 13 अगस्त को तीसरी बार सीएम राइज स्कूल बसों के संचालन के लिए ऑनलाइन टेंडर किए गए हैं। इसके पूर्व भी जुलाई माह में दो बार टेंडर किया जा चुका है, लेकिन एक किसी भी ट्रांसपोर्टर ने स्कूल बस संचालन के लिए हिस्सा नहीं लिया।

कमरों की बनी हुई है कमी
जिले के चार विकासखंड में एक-एक सीएम राइज स्कूल संचालित हो रहे हैं, लेकिन किसी में भी पर्याप्त कमरे नहीं हैं। गुरैया हाईस्कूल के लिए 40 करोड़ रुपए सीएम राइज स्कूल के लिए फंड स्वीकृत है, लेकिन पहले से लेटलतीफी कार्य के चलते इस स्कूल के चार कमरे ही पिछले दो साल से तैयार नहीं हो सके हैं।

इस तरह करना था सीएम राइज स्कूलों को तैयार
प्राइमरी कक्षाओं को बच्चों के मानसिक स्तर को ध्यान में रखकर तैयार किया जाना है। बायो टॉयलेट, सुरक्षा गार्ड, स्मार्ट कक्षाएं, मेडिकल रूम, खेल मैदान, कम्प्यूटर रूम, म्यूजिक रूम, भोजन कक्ष, छात्रावास और बस की सुविधा के साथ सीसीटीवी की भी व्यवस्था की जानी थी, लेकिन न तो सीएम राइज स्कूलों को ड्रेस मिली, न परिवहन के लिए बस और न ही जरूरत के अनुसार कमरों की व्यवस्था है।

इनका कहना है
तीसरा टेंडर लगाया है। ट्रांसपोर्टरों को अपने स्तर से बिड डालनी चाहिए। ड्रेस तय नहीं हुई है। इस साल संचालित हो रहेे स्कूल ड्रेस को ही मान्य किया जा रहा है। अगले सत्र तक ड्रेस कोड लागू हो सकता है। अन्य व्यवस्थाओं के लिए तैयारी चल रही है।
जिला शिक्षा अधिकारी

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