इस प्रक्रिया में शामिल होने वाले नागरिकों को पेंच में रहने और खाने के लिए तीन हजार रुपए का खर्च स्वयं वहन करना होगा। आकलन के पहले दिन वॉलेंटियर्स को प्रोटोकॉल के तहत ट्रेनिंग दी जाएगी। वॉलेंटियर्स को पांच से दस किमी के क्षेत्र में पैदल घूमकर वन्यजीवों के साक्ष्य जैसे पदचिह्न, आवाज और अन्य संकेत इक_ा करने होंगे। अगले तीन दिन ट्रांजेक्ट लाइन पर शाकाहारी प्राणियों और वनस्पति का डेटा संग्रह किया जाएगा। इसके बाद सारा डेटा एनटीसीए (नेशनल टाइगर कंजरवेशन अथॉरिटी) को भेजा जाएगा और इसे गोपनीय रखा जाएगा।
पेंच टाइगर रिजर्व में 800 कैमरा ट्रेप लगाए गए हैं। ये बाघों और अन्य वन्यजीवों की सुरक्षा और गणना में सहायक हैं। अरी और रूखड़ क्षेत्र में लगाए गए कैमरों का डेटा इक_ा किया जा रहा है। कर्माझिरी और घाटकोहका क्षेत्र में 10 जनवरी से कैमरा ट्रेप लगाए जाएंगे। पेंच के छिंदवाड़ा क्षेत्र के जंगल में भी कैमरा ट्रेप लगाए गए हैं।