जिला अस्पताल के आयुष्मान कार्ड सेंटर के बाहर स्ट्रेचर की लाइन देखी गई। ग्राम खैरीभुताई निवासी प्रेमवती यादव शुक्रवार की सुबह घर पर सीढ़ी से गिर गई थीं। उसके पैर में चोट आई। ऑपरेशन की स्थिति बनी। परिजन ने आयुष्मान कार्ड नहीं होने पर सेंटर जाकर संपर्ककिया तो कुछ दस्तावेज मंगवाए गए। प्रेमवती के परिजन कई बार उसे सर्जिकल वार्ड से लेकर स्ट्रेचर से आयुष्मान सेंटर पहुंचे। सेंटर के कर्मचारियों को वार्ड में चलने के लिए कहा गया तो उन्होंने साफ मना कर दिया। वहीं दूसरे मामले में बच्चा वार्ड में भर्ती मरीज 10 वर्ष के बालक शिवकुमार के परिजन भी स्ट्रेचर पर बालक को लेकर सेंटर पहुंचे थे। इस दौरान बालक व परिजन परेशान होते रहे।
अगर किसी मरीज व व्यक्ति को आयुष्मान कार्ड की योजना से जोडऩा है तथा उसे लाभ पहुंचाना है तो उसका बेड पर ही आयुष्मान कार्ड बनाया जाना चाहिए। नियमों की बात अधिकारी तो करते हैं, लेकिन जिला अस्पताल में किस तरह योजना को पलीता लगाया जा रहा है उसकी भनक भी अधिकारियों को नहीं लग रही है। मरीज व उसके परिजन जिला अस्पताल में चक्कर लगाने को मजबूर हैं। ऐसे में जिले में अन्य स्थानों पर किसी खराब स्थिति होगी। शासन के सामने आंकड़ों को बढ़ाने के चक्कर में जमकर लापरवाही बरती जा रही है।