बैंक अधिकारी बनकर, लॉटरी लगने के नाम पर और ऑनलाइन खरीदी के लिए इस्तेमाल किए जा रहे विभिन्न ई कॉमर्स कम्पनियों के कस्टमर केयर अधिकारी बनकर धोखाधड़ी करना आम बात हो चुकी है। इसके अलावा भी ठगों के पास कई तरीके हैं जिसमें फंसाकर वे भोले भाले लोगों की जमा पूंजी हड़प लेते हैं। जिलेभर के थानों और पुलिस चौकी से जिला मुख्यालय पर स्थित साइबर सेल के पास कई तरह की धोखाधड़ी से जुड़ी शिकायत पहुंचती है। कुछ लोग सीधे साइबर सेल के पास पहुंचकर शिकायत करते हैं। सबसे खास बात यह है कि धोखाधड़ी का शिकार हुए लोगों में सबसे अधिक संख्या शिक्षित और नौकरीपेशा की है। पढ़े लिखे लोग ऐसा कदम उठाते हैं जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है। टीम का प्रयास होता है कि हर मामले सुलझ जाएं, लेकिन कुछ प्रकरण ऐसे भी होते हैं जिनमें देरी हो जाती है या फिर किसी और कारण से सुलझ नहीं पाते। इस सब के बीच छिंदवाड़ा की साइबर सेल टीम ने पिछले छह माह में कई बड़े साइबर से जुड़े अपराधों का निराकरण किया है।
सोलह लाख रुपए लुटने से बचाए
साइबर सेल की टीम ने बीते छह माह में साइबर से जुड़ी धोखाधड़ी के 45 प्रकरण सुलझाए हैं। सभी प्रार्थियों के खातों में कुल 16 लाख 56 हजार 374 रुपए वापस आ चुके हैं। साइबर अपराध से बचने के लिए यह आवश्यक है कि किसी भी अनजान व्यक्ति को फोन पर बैंक एकाउंट, आधार कार्ड और पैन कार्ड, ओटीपी सहित अन्य गोपनीय जानकारी न बताएं। किसी भी तरह के लालच देने वाली स्कीम के जाल में न फंसे।
-विवेक अग्रवाल, एसपी, छिंदवाड़ा