मेडिकल कॉलेज स्थापित होने से छिंदवाड़ा के साथ-साथ बैतूल, नरसिंहपुर, सिवनी, बालाघाट समेत अन्य जिलों के मरीजों को बेहतर चिकित्सा लाभ मिल सकेंगे तथा हर वर्ष 100 नए डॉक्टर इस कॉलेज से पासआउट होंगे। इसके अलावा आने वाले समय में 1250 बिस्तर वाले मेडिकल अस्पताल के साथ-साथ सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल की सेवाएं भी मिल सकेंगी। इधर सरकार का दावा है कि छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज में दिल्ली एम्स की तरह सुविधाएं मरीजों को मिलेंगी, जिसके चलते अन्य क्षेत्रों के मरीज छिंदवाड़ा आएंगे।
मेडिकल कॉलेज स्थापित होने से सबसे ज्यादा प्रभाव आसपास के क्षेत्र में देखने को मिला है, जिसकी वजह से यहां की भूमि या भवन की कीमतें आसमान छूने लगी हैं। वर्तमान में यहां 1500 से 2000 प्रति वर्गफीट के प्लाट बेचे जा रहे हैं। डॉक्टर, स्टाफ नर्स, प्रशासकीय कर्मचारी, वार्ड ब्वॉय, सुरक्षा गार्ड समेत करीब 1700 अधिकारी-कर्मचारियों की नियुक्ति होगी। प्रत्येक कर्मी के परिवार में लगभग चार सदस्य होंगे, जिसके चलते करीब 6800 लोग क्षेत्र में निवास करेंगे। इन परिवारों की विािन्न जरूरतों को पूरा करने के लिए दुकानें, एजेंसी, व्यवसाय स्थापित होंगे, जिसके चलते करीब नगर के बीस हजार लोगों को रोजगार मिल सकेगा।
आधुनिक चिकित्सा और इमरजेंसी में एयर एम्बुलेंस की सुविधा
सरकार की मंशा है कि शासकीय छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज में आधुनिक चिकित्सा सेवाएं मरीजों को मिले। इसके लिए करीब 35 करोड़ की लागत से एनाटोमेच टेबल व एंडो टे्रनर मशीन स्थापित होगी, जो कि दिल्ली, बेंगलुरु तथा ऋषिकेश में ही वर्तमान में उपलब्ध हैं। इसके अलावा कैंसर परीक्षण की मशीन, लेप्रोस्कोपी मशीन समेत अन्य सुविधाओं का लाभ मिलेगा।