बताए साइबर अपराध के विभिन्न प्रकार
विशेषज्ञों ने बताया कि आजकल साइबर अपराधियों के पास इंटरनेट और सोशल मीडिया के जरिए ग्राहकों के डेटा को चोरी करने के कई तरीके होते हैं। फिशिंग, स्पूफिंग, स्कैमर कॉल्स, और पर्सनल डेटा की चोरी जैसे साइबर अपराधों का शिकार व्यापारी और ग्राहक दोनों हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि साइबर अपराधियों द्वारा मेल और संदेशों के जरिए बैंक विवरण या व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त करने के प्रयास किए जाते हैं, और इन धोखाधड़ी को पहचानना बेहद कठिन हो सकता है।
ये सलाह दी गई
इस कार्यक्रम में दुकानदारों को सलाह दी गई कि वे अपने व्यवसायिक वेबसाइट और सोशल मीडिया अकाउंट्स की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दें, मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें, और नियमित रूप से अपने ऑनलाइन ट्रांजेक्शन्स की निगरानी करें। साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि व्यवसायिक उपकरणों और नेटवर्क को हमेशा अपडेट रखें और किसी भी संदिग्ध लिंक या ईमेल से दूर रहें।
हेल्पलाइन की जानकारी
इस कार्यक्रम में साइबर अपराध का शिकार होने पर बचाव के उपाय और तत्काल सहायता प्राप्त करने के लिए हेल्पलाइन नंबर की भी जानकारी दी गई। विशेषज्ञों ने बताया कि अगर कोई व्यापारी या दुकानदार साइबर अपराध का शिकार हो जाता है, तो वह तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क कर सकता है। इसके अलावा, पुलिस विभाग और बैंक द्वारा भी मदद उपलब्ध कराई जाती है। साथ ही, स्थानीय पुलिस विभाग के साइबर अपराध विशेषज्ञों ने बताया कि अगर कोई व्यापारी धोखाधड़ी का शिकार होता है तो उसे पुलिस के साइबर क्राइम सेल में रिपोर्ट दर्ज करनी चाहिए ताकि त्वरित कार्रवाई की जा सके।
ये बोले व्यापारी
हमारे लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम अपने व्यवसाय की सुरक्षा को लेकर जागरूक रहें। साइबर अपराध बढ़ते जा रहे हैं, और ऐसे आयोजनों से हमें सटीक जानकारी मिल रही है, जिससे हम अपने व्यवसाय को सुरक्षित रख सकते हैं।
आयुष, व्यापारी
ऑनलाइन फ्रॉड को लेकर पत्रिका सर्तक कर रही है। बहुत ही सराहनीय पहल है। इससे हमें बहुत सी ऐसी बातों का पता चला, जिन्हें हम हल्के में लेते हैं और ठग इसका लाभ उठा ले जाते हैं।
अंकित तिवारी, व्यापारी
अच्छे लाल साहू, दुकानदार
रमेश कुशवाहा, दुकानदार
कमलेश कुशवाहा, दुकानदार
सोनू चौरसिया, दुकानदार