हेल्पलाइन नंबर 155260
झमटुली गांव में आयोजित कार्यक्रम में ग्रामीण दुकानदारों को बताया गया कि किस तरह साइबर अपराधी दुकानदारों और व्यापारियों को ठगी का शिकार बना सकते हैं, खासकर ऑनलाइन लेन-देन के दौरान। विशेषज्ञों ने दुकानदारों को सुरक्षा उपायों की जानकारी दी, जैसे कि मजबूत पासवर्ड का उपयोग, दो-चरण सत्यापन और संदिग्ध लिंक या ईमेल से बचने के बारे में विस्तार से समझाया। इसके अलावा, ऑनलाइन और साइबर अपराध से बचने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर 155260 की जानकारी दी। इस हेल्पलाइन पर व्यापारियों और दुकानदारों को साइबर अपराध से संबंधित समस्याओं का समाधान तुरंत मिल सकेगा।साइबर अपराधी अक्सर व्यापारी वर्ग को विभिन्न तरीकों से निशाना बनाते
विशेषज्ञों ने बताया कि साइबर अपराधी अक्सर व्यापारी वर्ग को विभिन्न तरीकों से निशाना बनाते हैं, जैसे कि फर्जी वेबसाइटों के जरिए धोखाधड़ी, ऑनलाइन भुगतान के दौरान गड़बड़ी और अन्य धोखाधड़ी के तरीके अपनाते हैं। इस अभियान के अंतर्गत, दुकानदारों को अपने डिजिटल लेन-देन की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की सलाह दी गई। साथ ही, यह भी बताया गया कि अगर कोई दुकानदार साइबर अपराध का शिकार होता है, तो तुरंत संबंधित प्राधिकृत अधिकारियों और हेल्पलाइन से संपर्क कर सकता है।ये बोले ग्रामीण दुकानदार
डिजीटल प्लेटफॉर्म की जानकारी कम होने से हमें ठगी का डर हमेशा लगा रहता था। लेकिन अब पत्रिका रक्षा कवच के तहत साइबर ठगी के तरीके, उनसे बचाव के उपायों की जानकारी मिलने से अब हम सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
संतोष पाठक
ओमप्रकाश पाल
गौरीशंकर पत्रिका रक्षा कवच से हमें साइबर ठगी से सावधान रहने की जानकारी मिली है। अब हमें पता चल गया है कि डिजीटल प्लेटफॉर्म पर क्या क्या सावधानियां रखना है।
मोनू बुंदेला
हरप्रसाद पाठक साइबर कैफे संचालन करने में सारा काम डिजीटल प्लेटफ ॉर्म पर करना होता है। ट्रांजेक्शन भी ऑनलाइन ही करते हैं। ऐसे में पत्रिका रक्षा कवच न केवल दुकानदारों बल्कि हर व्यक्ति के लिए ठगी से बचने का कारगर उपाय बनकर सामने आ रहा है।
शमीम खान