हस्तशिल्प को मिलेगा बढ़ावा
उन्होंने हथकरघा और हस्तशिल्प विभाग से कारीगरों को उनके कौशल और क्षमताओं को बढ़ाने में मदद करने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण और संसाधन प्रदान करके लक्ष्य की दिशा में काम करने का मौका मिलेगा। जो न केवल कारीगरों को अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा, बल्कि स्थानीय हस्तशिल्प और हथकरघा को बढ़ावा देने में भी मदद करेगा। प्राचार्य विजय कुमार वर्वे का कहना है कि इस प्रशिक्षण केंद्र के शुरू होने से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि उपहार पैकेजिंग में कारीगरों के प्रशिक्षण जिससे वे अपने उत्पादों के लिए आकर्षक पैकेजिंग प्रदान करने में सक्षम हो सकें और इस प्रकार उनकी विपणन क्षमता में वृद्धि होगी। इस तरह के प्रशिक्षण से न केवल कारीगरों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी, बल्कि मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी।
केन्द्र सरकार आत्मनिर्भर बनाने पर दे रही जोर
केंद्र सरकार हस्तशिल्प के कारीगरों को प्रशिक्षित कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दे रही है। इसके लिए मध्यप्रदेश में चार शहरों में प्रशिक्षण केंद्र खोले जाना है, इसमें से एक बुंदेलखंड क्षेत्र के नौगांव का भी चयन हुआ है। जहां पर सहकारी प्रशिक्षण केंद्र के बगल में हस्तशिल्प कारीगर प्रशिक्षण केंद्र का निर्माण लगभग पूरा हो गया है।