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छतरपुर

बारिश से तीन तहसील के 38 गांवों की फसल प्रभावित, सर्वे कराकर मिलेगा मुआवजा

मंगलवार की रात से गुरुवार तक हुई बारिश से जिले की बड़ामलहरा, घुवारा, ईशानगर तहसील के 38 गांवों की फसलें सबसे ज्यादा प्रभावित हुई हैं। जिले की केन, धसान, उर्मिल सहित अन्य नदी-नालों के किनारे बसे गांवों के किसानों की फसलें खराब हुई हैं। प्रशासन अब इन गांवों में फसल नुकसान का सर्वे कराने जा रहा है।

छतरपुरSep 14, 2024 / 10:34 am

Dharmendra Singh

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खेतों में जलभराव

छतरपुर. मंगलवार की रात से गुरुवार तक हुई बारिश से जिले की बड़ामलहरा, घुवारा, ईशानगर तहसील के 38 गांवों की फसलें सबसे ज्यादा प्रभावित हुई हैं। जिले की केन, धसान, उर्मिल सहित अन्य नदी-नालों के किनारे बसे गांवों के किसानों की फसलें खराब हुई हैं। प्रशासन अब इन गांवों में फसल नुकसान का सर्वे कराने जा रहा है।

उड़द, तिल, मूंगफली को नुकसान


खरीफ की फसल 4.25 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि पर बोई गई थी। जिसमें 2 लाख हेक्टेयर में उड़द, 1.22 लाख हेक्टेयर में मूंगफली, 1 लाख हेक्टेयर में तिल, 16 हजार हैक्टेयर में सोयाबीन, 6 हजार 100 हेक्टेयर में मूंग की फसल प्रमुख रूप से बोई गई है। दो दिन तक हुई तेज बारिश के कारण सबसे अधिक नुकसान तिल व मूंग की फसल को हुआ है। इसके अलावा नदी क्षेत्र में मूंगफली को नुकसान हुआ है। चूंकि तिल कम बारिश में पैदा होने वाली फसल है। इस साल अभी तक जिले में बेहद कम बारिश हुई थी, इस के पौधे अन्य खरीफ फसल की तुलना में तिल की फसल बहुत अच्छी थी। लेकिन तेज बारिश से तिल की फसल गिर गई है। नौगांव, राजनगर, छतरपुर, बड़ामलहरा, बकस्वाहा सहित अधिकांश तहसील क्षेत्रों में तिल की फसल को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। उधर मूंगफली में इन दिनों जमीन के भीतर फली लगना शुरू हो गई थी। बारिश के कारण पानी के तेज बहाव से खेतों की मिट्टी बह गई है, जबकि मूंगफली के पौधे पर मिट्टी अलग से डाली जाती है, जिससे नर्म मिट्टी में मूंगफली का उत्पादन अधिक हो सकें। मिट्टी बह जाने के कारण मूंगफली के पौध उखडकऱ पानी के से साथ बह गए हैं।

ये बोले किसान


बड़ामलहरा के पटिया गांव के दयाराम मोदी ने बताया नदी किनारे मूंगफली की फसल बोई थी। बहाव के कारण खेत की मिट्टी बह गई, जिससे फसल उखड़ गई है। सल्ला लोधी, हरी लोधी, अनरत सिंह, हरदेव सिंह, राव साहब सिंह, जगत लोधी और भागीरथ ने बताया कि 24 घंटे की बारिश में काठन नदी के किनारे की फसल डूब गई है। ज्यादातर किसानों ने मूंगफली बोई थी। सबका नुकसान हो गया है।

कलेक्टर ने दिए सर्वे के निर्देश


घुवारा तहसील क्षेत्र के ग्राम दलीपुर निवासी किसान लोकमन यादव ने बताया कि उनके खेतों के पास से निकली बीला नदी के उफान पर आने के कारण पानी खेतों में भर गया है और उनकी सोयाबीन, उड़द, तिल की फसलें नष्ट हो गई हैं। कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने बताया कि कुल 38 गांवों से किसानों की फसलें बारशि के कारण खराब हुई हैं। कलेक्टर ने बताया कि राजस्व और कृषि विभाग की संयुक्त टीम को निरीक्षण कर नुकसान का आंकलन करने के निर्देश दिए गए हैं। सर्वे के बाद शासकीय प्रावधान के मुताबिक किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।

जिले में अब तक बारिश की स्थिति


जिले में 1 जून से 13 सितंबर तक 35.9 इंच बारिश हुई है। पिछले साल इसी अवधि में 28.3 इंच बारिश और पूरे सीजन में कुल 33.4 इंच बारिश हुई थी। दो दिन में हुई 5 इंच बारिश से जिले में बारिश का औसत इस बार पिछले साल से 1 इंच ज्यादा हो गया है। हालांकि जिले का मूल औसत 42.3 इंच बारिश है। गुरुवार-शुक्रवार की रात जिले में एक इंच बारिश दर्ज की गई है। हालांकि ये बारिश बिजावर 0.1 इंच, गौरिहार 0.2 इंच, बड़ामलहरा 0.2 इंच, बकस्वाहा 0.5 इंच और राजनगर में 0.1 इंच बारिश दर्ज की गई। जिले में अब तक सबसे ज्यादा बकस्वाहा में 54.7 इंच बारिश और सबसे कम गौरिहार में 20.6 इंच दर्ज हुई है। जबकि छतरपुर में 31.1 इंच, लवकुशनगर में 25.2 इंच, बिजावर में 37 इंच, नौगांव में 32.8 इंच, राजनगर में 40.6 इंच, बड़ामलहरा में 44.8 इंच बारिश दर्ज की गई।

ये है अब मौसम का पूर्वानुमान


मौसम केंद्र खजुराहो के प्रभारी आरएस परिहार के मुताबिक दो दिन जोरदार बारिश करने वाला सिस्टम शुक्रवार से थोड़ा कमजोर होने लगा है। मौजूदा सिस्टम उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ गया है। अब 15 सितंबर से बंगाल की खाड़ी में फिर नया सिस्टम एक्टिव हो रहा है। 16 सितंबर से इस सिस्टम का असर एमपी में देखने को मिलेगा। सागर, टीकमगढ़, मंडला सहित 15 जिलों में फिर भारी बारिश का दौर शुरू होगा। मौसम विभाग ने 15 और 16 सितंबर 15 जिलों में तेज बारिश का अलर्ट जारी किया है। रायसेन, कटनी, उमरिया, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला, सिवनी और बालाघाट में तेज बारिश हो सकती है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन, शाजापुर समेत अन्य जिलों में हल्की बारिश और गरज-चमक की स्थिति बनी रहेगी। दमोह, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली और शहडोल में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है।

राजस्व पुस्तक परिपत्र में मुआवजा की तीन श्रेणियां


राजस्व पुस्तक परिपत्र के अनुसार दो हेक्टेयर और दो हेक्टेयर से अधिक तक कृषि भूमि वाले किसानों को तीन श्रेणी 25 से 33 प्रतिशत, 33 से 50 प्रतिशत और 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर सहायता राशि देने का प्रविधान है। सभी फसलों के लिए सहायता राशि पांच हजार रुपए से कम नहीं होगी।

फैक्ट फाइल


दो हेक्टेयर तक मुआवजा का प्रावधान
25 से 33 प्रतिशत-5000-9,000
33 से 50 प्रतिशत- 8000-15000
50 प्रतिशत से अधिक- 16000-30000

दो हेक्टेयर से अधिक भूमि पर प्रावधान
25 से 33 प्रतिशत-4500-6500
33 से 50 प्रतिशत- 6800-13500
50 प्रतिशत से अधिक- 13600-27000

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