बैगलेस डे का उद्देश्य
राज्य शिक्षा केंद्र ने राज्य के सभी स्कूलों के लिए बैगलेस डे मनाने का निर्देश जारी किया है। यह आयोजन नई शिक्षा नीति 2020 के तहत किया जा रहा है, जिसमें बच्चों को पढ़ाई के अतिरिक्त कौशल विकास से जोडऩे का प्रावधान किया गया है। इस दिन विद्यार्थियों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, पर्यावरण और खेल गतिविधियों के साथ-साथ कला, साहित्य, और संस्कृति से जुड़ी गतिविधियों में भी भाग लेने का अवसर मिलेगा।
संबंधित गतिविधियां और स्थान भ्रमण
बैगलेस डे के दिन विद्यार्थियों के लिए विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। इनमें आर्ट और क्राफ्ट के अंतर्गत ड्राइंग, पेंटिंग, मिट्टी के खिलौने बनाना, मुखौटे बनाना, डॉल-मेकिंग, और अनुपयोगी सामग्री से वस्तुओं का निर्माण प्रमुख रहेगा। इसके अलावा, साहित्यिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में बच्चों को लोकगीत, नृत्य, लघु नाटिका, कविता पाठ और कहानी लेखन में भी हिस्सा लेने का मौका मिलेगा। इसके अलावा, विद्यार्थियों को खेती की आधुनिक पद्धतियों और खेती में उपयोग होने वाले आधुनिक उपकरणों के बारे में जानकारी दी जाएगी। बच्चों को ऐतिहासिक स्थलों और लघु उद्योगों का भ्रमण भी कराया जाएगा, ताकि वे अपनी शिक्षा को केवल कक्षा तक सीमित न रखें, बल्कि वास्तविक जीवन से भी सीखें।
बैगलेस डे का आयोजन कैसे होगा
शासन द्वारा निर्धारित इस बैगलेस डे के लिए हर स्कूल में गतिविधियों का एक कैलेंडर तैयार किया जाएगा। स्कूल के प्रधानाध्यापक और शिक्षक मिलकर इस दिन के लिए निर्धारित गतिविधियों का आयोजन करेंगे। इन गतिविधियों की जानकारी एचडी जिओ टैग फोटोग्राफ के साथ राज्य शिक्षा केंद्र के ईमेल आईडी पर भेजी जाएगी।
व्यावहारिक कौशल और वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास
बैगलेस डे का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण, साक्ष्य आधारित शोध और रचनात्मकता का विकास करना है। इस दिन विद्यार्थियों को संवाद, विचार अभिव्यक्ति, स्वास्थ्य एवं पोषण, खेल में सहयोग की भावना, नेतृत्व गुण, भारतीय ज्ञान परंपरा और पर्यावरणीय चेतना के बारे में जागरूक किया जाएगा। छतरपुर जिले में कुल 341 शासकीय माध्यमिक स्कूल संचालित हैं, जिसमें 49000 छात्र कक्षा 6 से 8वीं तक की पढ़ाई कर रहे हैं। यह बैगलेस डे इन सभी छात्रों के लिए एक शानदार अवसर साबित होगा, जो केवल शैक्षिक पाठ्यक्रम तक ही सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि हर छात्र को समग्र विकास के लिए एक समृद्ध अनुभव मिलेगा।
सभी बच्चे गतिविधियों में सक्रिय रहेंगे
छतरपुर जिले के जिला परियोजना समन्वयक (डीपीसी) अरुण शंकर पांडेय ने कहा बैगलेस डे के लिए माह के अंतिम शनिवार को निर्धारित किया गया है ताकि सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापक इस दिन निर्धारित गतिविधियां आसानी से करा सकें। एक निश्चित दिन होने से शिक्षक किसी भी प्रकार की गड़बड़ी से बच सकेंगे और सभी बच्चे गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग ले सकेंगे।