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छतरपुर

अब जिला अस्पताल में होगा कैंसर, हृदय रोग और मस्तिष्क विकारों का इलाज

जिला अस्पताल में अब मरीजों को उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलेगा, क्योंकि यहां पर एमआरआई, कैथलैब, पेट-स्कैन, लाईक और ब्रेकी-थेरेपी जैसी अत्याधुनिक मशीनें लगाई जाएंगी। इन उपकरणों की खरीदी प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है और जल्द ही ये सेवाएं जिले के अस्पताल में उपलब्ध हो जाएंगी।

छतरपुरDec 18, 2024 / 10:36 am

Dharmendra Singh

district hospital

जिला अस्पताल छतरपुर

छतरपुर. जिला अस्पताल में अब मरीजों को उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलेगा, क्योंकि यहां पर एमआरआई, कैथलैब, पेट-स्कैन, लाईक और ब्रेकी-थेरेपी जैसी अत्याधुनिक मशीनें लगाई जाएंगी। इन उपकरणों की खरीदी प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है और जल्द ही ये सेवाएं जिले के अस्पताल में उपलब्ध हो जाएंगी। इस पहल से छतरपुर और आसपास के क्षेत्रों के मरीजों को न केवल राहत मिलेगी, बल्कि उन्हें महानगरों में इलाज के लिए दौड़-धूप करने से भी छुटकारा मिलेगा।

सामाजिक कल्याण में सुधार की पहल


इस पहल से जिला अस्पताल में मरीजों को समय और पैसे दोनों की बचत होगी। जिन मरीजों को पहले इलाज के लिए बड़े शहरों में जाना पड़ता था, अब उन्हें यहां ही सभी आवश्यक जांच और उपचार की सुविधाएं मिल सकेंगी। सीएमएचओ डॉ. आरपी गुप्ता ने बताया कि इस कदम से मरीजों को स्थानीय स्तर पर ही उच्च गुणवत्ता वाले इलाज की सुविधा मिलेगी, जिससे उन्हें बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

नई मशीनों से मिलेगी ये सुविधाएं

  1. कैथलैब: कैथलैब एक प्रकार की प्रयोगशाला है, जिसमें हृदय संबंधित जांचें की जाती हैं। इसमें एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी और पेसमेकर प्रत्यारोपण जैसी सुविधाएं मिलेंगी। ये सेवाएं हृदय रोगियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होंगी, क्योंकि इससे उन्हें महंगे और दूर-दराज के अस्पतालों में जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
  2. पेट-स्कैन मशीन: पेट-स्कैन (पोज़ीट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी) मशीन के माध्यम से शरीर के आंतरिक अंगों का चित्रण किया जाता है। यह तकनीक कैंसर, हृदय रोग और मस्तिष्क विकारों जैसे गंभीर बीमारियों का पता लगाने में मदद करती है। इसके जरिए जल्दी और सटीक निदान संभव होगा, जिससे मरीजों का इलाज जल्दी शुरू किया जा सकेगा।
  3. लाईक मशीन: लाईक एक प्रकार की रेडियोथेरेपी मशीन है जो कैंसर के इलाज में उपयोगी होती है। इस तकनीक का इस्तेमाल कैंसर के ट्यूमर को रेडियेशन से नष्ट करने के लिए किया जाता है। यह मशीन विशेष रूप से स्तन, गर्भाशय ग्रीवा, सिर और गर्दन के कैंसर के इलाज में कारगर साबित होगी।
  4. ब्रेकी-थेरेपी: ब्रेकी-थेरेपी एक अत्याधुनिक तकनीक है, जिसका इस्तेमाल कैंसर के इलाज में किया जाता है। इसमें निडल के माध्यम से रेडिएशन केवल ट्यूमर में डाला जाता है, जिससे आसपास के स्वस्थ टिश्यू पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। यह खासकर सिर और गर्दन, स्तन, गर्भाशय ग्रीवा और आंख के कैंसर के इलाज के लिए उपयोगी है। यह प्रक्रिया कैंसर के इलाज में न केवल प्रभावी है, बल्कि आसपास के अंगों को भी सुरक्षित रखती है।

उपकरणों की खरीदी की प्रक्रिया जल्द


प्रदेश भर के जिला अस्पतालों और कैंसर अस्पतालों में इस तरह के उन्नत उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने एक व्यापक योजना बनाई है। सीएमओ डॉ. आरपी गुप्ता के अनुसार, इन उपकरणों की खरीदारी प्रक्रिया की समीक्षा की जा चुकी है और जल्द ही ये सेवाएं आम जनता तक पहुंचेंगी। इसके साथ ही, अस्पतालों के अधोसंरचना विकास पर भी जोर दिया जा रहा है ताकि चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता और विस्तार किया जा सके।

निरंतर सुविधाओं का विस्तार


यह भी सुनिश्चित किया गया कि सीटी स्कैन, एमआरआई, पेट-स्कैन, कैथलैब और ब्रेकी-थेरेपी जैसी सेवाओं को निश्चित समय सीमा में आम जनता तक पहुंचाया जाए। इन उपकरणों से न केवल स्थानीय लोगों को फायदा होगा, बल्कि क्षेत्रीय स्तर पर कैंसर और हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में भी मदद मिलेगी।

पत्रिका व्यू


जिला अस्पताल में इन अत्याधुनिक मशीनों की स्थापना से छतरपुर जिले के लोगों को एक बड़ा स्वास्थ्य लाभ मिलेगा। अब मरीजों को उच्च गुणवत्ता के इलाज के लिए बड़े शहरों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, और उन्हें स्थानीय स्तर पर ही विशेषज्ञ सेवाएं मिल सकेंगी। इससे समय और धन की बचत होगी, साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। यह कदम निश्चित रूप से छतरपुर और आसपास के क्षेत्रों के लोगों के लिए एक सकारात्मक परिवर्तन लेकर आएगा।

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