2021 का है मामला
जांच करने वाले अधीक्षण यंत्री ने अपनी जांच रिपोर्ट में जो तथ्य पाए हैं वह चौकाने वाले हैं। इस रिपोर्ट में पाया गया है कि गौरिहार विकासखण्ड के एक दर्जन से ज्यादा गांव में नल-जल योजना के अंतर्गत आर्यन कंस्ट्रक्शन कंपनी को नवंबर 2021 में चार निविदा अनुबंधों के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में नल-जल योजना के अंतर्गत पाइप लाइन डालने का काम दिया गया था। आर्यन कंस्ट्रक्शन ने एसडीओ सियाराम वर्मा की मिलीभगत से कार्यपालन यंत्री के संरक्षण में भ्रष्टाचार का जो खेल खेला वह चौकाने वाला है। जांच रिपोर्ट बताती है कि ग्राम बजरंगपुर, बनियानी, चौहानी, खुडेरी, लौसी, केवलाहा, कुंवरपुर, मिश्रनपुरवा, भानपुरा, कीरतपुर, बेहनपुर, पड़रिया, बहादुरपुर, गोविंदपुर, प्रतापपुर, निधवापुखारी, बरूआ, तेलंगपुर, रजौरा, मोतीपुरवा, क्योटी, जोगा, धरमपुर के अंतर्गत किए गए पाइप लाइन बिछाने, मुरूम फिलिंग, सीसी निर्माण सहित अन्य कार्यों में एक करोड़ 38 लाख 55 हजार 907 रूपए का अवैध भुगतान करा लिया गया। यह भुगतान जिन कार्यों के ऐवज में कराया गया वे कार्य जमीन पर हुए ही नहीं। इतना ही नहीं कई कार्यों की माप पुस्तिका में दर्ज नहीं की गई और सीधे देयक बनाकर भुगतान कर दिया गया।
60 दिन से जांच को दबाए बैठे वरिष्ठ अधिकारी
चौकान वाला मामला है कि छतरपुर जिले में हुए इस बड़े घोटाले की जांच अधीक्षण यंत्री स्तर के अधिकारी द्वारा की गई और पन्ना अधीक्षण यंत्री की यह जांच रिपोर्ट मुख्य अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ग्वालियर को भेजी गई। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा और राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार के क्षेत्र में पीएचई विभाग के संरक्षण में आर्यन कंस्ट्रक्शन द्वारा किया गया यह बड़ा घोटाला सिलसिलेवार तरीके से सामने आया है। फिलहाल इस मामले से जुड़े कई और तथ्य हैं जो धीरे-धीरे सामने आएंगे।
इनका कहना है
इस मामले में जो तथ्य सामने आए हैं एवं जो जांच रिपोर्ट मुझे भेजी गई है उसके आधार पर कार्यपालन यंत्री और सहायक यंत्री को आरोप पत्र भेजकर जवाब मांगा गया है। दीवाली के बाद जवाब प्रस्तुत करेंगे। विभाग इस मामले में ईमानदारी से कार्यवाही करेगा।
एसएच मौर्या, मुख्य अभियंता, पीएचई, ग्वालियर