बारिश में दलदल बन जाता है गांव का पहुंच मार्ग ग्राम पंचायत वीरमपुरा में कुल सात गांव वीरमपुरा, तिलई, कसेरा, जगारा, हिरदेपुर, हरदुआ, और डुगासरापठा शामिल हैं, जिनकी कुल आबादी 3107 है। इनमें से हिरदेपुर, हरदुआ, और डुगासरापठा पूरी तरह से आदिवासी गांव हैं। हिरदेपरि की आबादी 213 है, जिसमें 102 महिलाएं और 111 पुरुष शामिल हैं। हिरदेपुर गांव की सडक़ की स्थिति बेहद खराब है। तिलई गांव से हिरदेपुर तक की लगभग तीन किलोमीटर लंबी सडक़ में से डेढ़ किलोमीटर हिस्सा पूरी तरह से खस्ताहाल हो चुका है। बारिश के दौरान यह सडक़ दलदल में बदल जाती है, जिससे ग्रामीणों को अत्यधिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
जर्जर सडक़ परेशान आदिवासी आदिवासी बाहुल्य गांव के सुविधाओं से वंचित ये आदिवासी बाहुल्य गांव है पर सुविधाओं की बात करे तो न सडक़ है और न स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध है और न शिक्षा के लिए बेहतर व्यवस्था आलम ये है की बीमारी में भी ईलाज नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि चुनाव के समय नेताओं द्वारा सडक़ मरम्मत के आश्वासन दिए जाते हैं, लेकिन चुनाव के बाद ये आश्वासन कभी पूरे नहीं होते। राम सिंह बारेला और रंगलाल बारेला का कहना है कि उन्होंने कई बार सडक़ मरम्मत के लिए आवेदन दिए हैं, लेकिन उनकी शिकायतें हमेशा अनसुनी कर दी जाती हैं।
अस्पताल में क्यों नहीं मिल पाती एंबुलेंस की सुविधा बकस्वाहा में ज्यादातर मामलों में देखा गया है की एंबुलेंस समय से नही मिल पाती है। कारण ये है की बकस्वाहा के लिए सिर्फ एक एंबुलेस है, जबकि क्षेत्र बहुत बड़ा है। साथ ही एंबुलेस का नियंत्रण अस्पताल के पास नहीं रहता, जिस कारण अस्पताल प्रबंधन हस्तछेप नही कर पता और एंबुलेसव्यस्था पटरी से उतरती जा रही है
इनका कहना है मामला बहुत गंभीर है मरीज को एंबुलेस नही मिली जबकि ड्यूटी डॉक्टर के द्वारा और परिजनों के द्वारा एंबुलेस को कॉल किया गया था, फिर भी उपलब्ध नहीं हो सकी। मैं नोटिस भेजूंगा।
डॉ. सत्यम असाटी, बीएमओ