परिजनों का आरोप लापरवाही से गई जान
11 सितंबर को चार्ली राजा का प्राइवेट नर्सिंग होम में ऑपरेशन होना था और यह ऑपरेशन जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर मनोज चौधरी एवं विशाल श्रीवास्तव कर रहे थे लेकिन, ऑपरेशन होने से पहले ही ऑपरेशन थियेटर में उनकी मौत हो गई। पिता की इस तरह मौत के बाद उसके परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। मौके पर पुलिस भी पहुंच गई। परिजनों का आरोप है कि, ऑपरेशन करने से पहले उनके पिता को एनेस्थीसिया का ओवर डोज दे दिया गया, जिससे उनकी मौत हो गई। मामले में थाना कोतवाली पुलिस ने परिजनों के बयान ले कर मामले की जांच शुरू कर दी। वहीं मृतक के परिजनों के कहने पर पोस्टमार्टम के लिए डॉक्टरों की एक टीम बनाकर पोस्टमार्टम किया गया।
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दो महीने बीते नहीं आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट
घटना को अब दो महीने बीत चुके हैं, लेकिन जिला अस्पताल से न तो बिसरा रिपोर्ट आई और न ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट। पीडि़तों का कहना है कि कई बार जिला अस्पताल के चक्कर लगा चुके हैं लेकिन अस्पताल में कोई भी जिम्मेदार अधिकारी जवाब नहीं दे रहा है। जिस वजह से पुलिस संबंधित मामले में किसी तरह की कोई भी कार्रवाई नहीं कर पा रही है।
बेटे को लगानी पड़ी आरटीआई
कई दिनों तक पोस्टमार्टम और बिसरा रिपोर्ट न आने के बाद परिजनों ने जिला अस्पताल पहुंच डॉक्टरों से मामले देरी होने की जानकारी लेनी चाही लेकिन, किसी भी डॉक्टर ने जवाब नहीं दिया। अंत में मृतक के बेटे संदीप यादव को थाना कोतवाली में एक आरटीआई लगानी पड़ी जिसमें उसने पोस्टमार्टम रिपोर्ट और बिसरा की जानकारी मांगी। आरटीआई के जवाब में थाना कोतवाली पुलिस ने यह जानकारी दी कि संबंधित मामले में पुलिस आगे की कार्रवाई नहीं कर पा रही है क्योंकि जिला अस्पताल से अभी तक पोस्टमार्टम और बिसरा रिपोर्ट नहीं आई है। कार्रवाई कैसे शुरू की जा सकती है।
डॉक्टरों को बचा रहा है अस्पताल प्रबंधन
ऐसे में परिजनों का आरोप है कि जिन डॉक्टरों ने मृतक चार्ली राजा का ऑपरेशन किया था वह दोनों डॉक्टर जिला अस्पताल में पदस्थ हैं। यही वजह है कि पोस्टमार्टम और बिसरा रिपोर्ट में देरी की जा रही है।
जिला अस्पताल की बड़ी लापरवाही
संबंधित मामले में जिला अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आई है। दो माह बीत जाने के बाद भी जिला अस्पताल प्रबंधन पोस्टमार्टम और बिसरा की रिपोर्ट पेश नहीं कर पाए हैं।
अब डॉक्टर ने दी धमकी
मृतक के बेटे संदीप यादव की मानें तो वो अपने पिता की पोस्टमार्टम और बिसरा रिपोर्ट की जानकारी लेने जिला अस्पताल गया था। वहां मौजूद डॉक्टर अरुणेंद्र ने मामले में राजीनामा लेने की बात कही। साथ ही कहा कि अगर राजीनामा नहीं लोगे तो इसी तरह भटकते रहोगे।