जानकारी के अनुसार ईशानगर निवासी 30 वर्षीय युवक योगेश ठाकुर ने बीते कुछ दिनों पहले लोहे की कील गटक ली थी। जिसके कुछ दिन बाद उसके पेट में दर्द होने लगा। इसकी जानकारी योगेश अपनी मां को दी। जिसे छतरपुर के डॉक्टरों को दिखाया। तो उन्होंने मामूली दर्द बता कर कुछ दवाइयां दे दी। जब दर्द खत्म नहीं हुआ तो योगेश को ग्वालियर ले जाकर स्वास्थ्य परीक्षण कराया।
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कलेक्ट्रेट के दफ्तरों में बैठ पोर्न फिल्म देखते हैं कर्मचारी, महिला बाल विकास के कंप्यूटर की हिस्ट्री में मिली ‘सपना चौधरी’ एक्सरे में मिली जानकारीडॉक्टरों ने जब योगेश ठाकुर का एक्सरे करवाया तो उसके पेटे में लोहे की कीलें होने की जानकारी मिली। उसके बाद डॉक्टर ने ऑपरेशन करवाने को कहा। मंगलवार को परिजन ग्वाललियर जाने की तैयारी कर रहे थे ती योगेश के पेट में फिर से तेज दर्द होने लगा। तो छतरपुर में ही डॉ एमपीएन खरे के अस्पताल में भर्ती कराया। जहां दोपहर तीन बजे से ऑपरेशन शुरू हुआ।
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ठीक-ठाक किसान को कलेक्टर ने बना दिया ‘पागल’, जबरन भेजा पागलखाने चार घंटे चला ऑपरेशनयोगेश का ऑपरेशन करीब तीन से चार घंटे तक चला। इस दौरान डॉक्टरों को बोरी सिलने वाला सूजा, कील, ब्लेड, आरी टुकड़े, चमड़े के बेल्ट के टुकड़े, पेन सहित 33 चीजें पेट से निकलीं। डॉ एमपीएस खरे ने बताया कि उन्होंने अपनी इतनी लंबी प्रैक्टिस में यह पहला ऑपरेशन किया है, जो काफी आश्चर्यजनक और कठिनाइयों से भरा था। मरीज अब स्वस्थ है।
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वित्त मंत्री 12वीं पास, उच्च शिक्षा मंत्री को अंग्रेजी नहीं आती… युवक के परिजनों ने कहा है कि यह पहले गांजा पीता रहा है। अपने परिजनों को तब वह आरी और सुई खाने की बात कहता तो किसी को यकीन नहीं होता था। लेकिन पेट में दर्द की शिकायत के बाद ही लोग इसे डॉक्टर के पास लेकर आए। डॉक्टरों का भी मानना है कि इस तरह की हरकत लोग सनक में ही करते हैं।