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चेन्नई

Tamilnadu: लोगों के चेहरे पर मुस्कान ला सकूं…

मशहूर कवि अशोक चक्रधर (Ashok Chakradhar) ने हास्य-व्यंग्य की रचनाओं के जरिए अपनी अलग पहचान बनाई है। उदास चेहरों पर मुस्कुराहट लाने वाले चक्रधर ऐसी ही शख्सियत हैं जिनकी उपस्थिति ही हमारे अन्दर हास्य पैदा कर देती है।

चेन्नईNov 18, 2019 / 08:25 pm

ASHOK SINGH RAJPUROHIT

Poet Ashok Chakradhar has made his own identity through his work

Poet Ashok Chakradhar has made his own identity through his work

चेन्नई. मशहूर कवि अशोक चक्रधर ने हास्य-व्यंग्य की रचनाओं के जरिए अपनी अलग पहचान बनाई है। उदास चेहरों पर मुस्कुराहट लाने वाले चक्रधर ऐसी ही शख्सियत हैं जिनकी उपस्थिति ही हमारे अन्दर हास्य पैदा कर देती है। पद्य के अलावा चक्रधर ने कहानियां, संस्मरण एवं गद्य रचनाएं भी की है। इनमें अपनी चुटीली रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देने की कला है। काव्य की दुनिया में चक्रधर किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। वे गंभीर विषयों की कविताओ में भी गुदगुदाने का मादद रखते हैं। वे एक अच्छे कलाकार, वृत्तचित्र लेखक, पटकथा लेखक भी है व अब तक दर्जनों पुरस्कार हासिल कर चुके हैं। चेन्नई में अनुभूति सम्मान समारोह में आए चक्रधर से राजस्थान पत्रिका ने खास बातचीत की। प्रस्तुत हैं उनसे हुई बातचीत के विशेष अंश:
भाषा एक संवाद का जरिया
अभिभावकों के बच्चों को अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पढ़ाने एवं हिंदी को कम महत्व देने के सवाल पर उन्होंने कहा, भाषा संवाद का एक जरिया है। किसी भी भाषा को सीखना बुरा नहीं है। हिंदी के लिए रास्ते अपने आप निकलेंगे। कवि कविता रचते हैं जिससे सृजनता बनी रहती है। कविता हृदय से निकलती है। कवियों को नई कविताएं भी सुनानी चाहिए।
बचें अनावश्यक लतीफों से
टीवी पर टीआरपी बटोरने के नाम पर परोसी जा रही बेहूदगी पर उनका कहना था कि लोग सुन्दर हास्य सुनना चाहते हैं। अनावश्यक लतीफों से मंच को बचना चाहिए। भावनात्मक साहचर्य की क्षमता मंचीय कवियों में ही होती है।
ताल एवं लय पर अधिक ध्यान
तुकबन्दी के अधिक चलन के सवाल पर उन्होंने कहा पहले फिल्मी गानों में भी तुकबन्दी होती थी, अब वहां भी तुक मिलाने के बजाय ताल एवं लय पर अधिक ध्यान दिया जाता है। आजकल के कवि तो तुक मिलाने जितनी भी जहमत नहीं करते।
देश बन सकता है खुशहाल
एक सवाल के जवाब में कहा आजकल की तनाव भरी जिंदगी के बीच लोगों का हंसना मुश्किल जरूर हैं लेकिन हंसी के बहाने समाज की उन विकृतियों को सामने लाना है जो अगर सुधर जाएं तो हमारा देश खुशहाल हो सकता है। मेरी गंभीर से गंभीर कविता में भी लोग हंसते हैं। मैं यही चाहता हूं कि लोगों के चेहरे पर हंसी देख सकूं।
पत्रिका एक विश्वसनीय समाचार पत्र
राजस्थान पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी को राजा राममोहन राय पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर खुशी व्यक्त करते हुए चक्रधर ने कहा मैं उन्हें बधाई देता हूं। पत्रकारिता में उनका योगदान उल्लेखनीय है। राजस्थान पत्रिका निसंदेह एक विश्वसनीय समाचार पत्र है।

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